पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) के एक प्रोफेसर अपने फेसबुक पर किये विवादित पोस्ट के कारण छात्रों और अध्यापकों के निशाने पर हैं. यह विश्वविद्यालय देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में से एक है. प्रोफेसर ने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए वर्जिन लड़की की तुलना सीलबंद कोल्ड ड्रिंक और बिस्कुट से की है. जेयू के इस प्रोफेसर का नाम कनक सरकार है. वह पिछले एक दशक से ज्यादा समय से जेयू में अंतरराष्ट्रीय रिश्तों पढ़ा रहे हैं.
विवाद बढ़ने पर पोस्ट किया डिलीट, बताया सुप्रीम कोर्ट का अधिकार
कनक सरकार ने विवाद बढ़ने पर फेसबुक से अपने पोस्ट को हटा दिया. इस पोस्ट में उन्होंने लिखा था कि बहुत से लड़के बेवकूफ होते हैं. वह वर्जिन लड़कियों को अपनी पत्नी बनाने के बारे में नहीं जानते हैं. सोमवार सुबह को उनका पोस्ट वायरल हो गया था. लेकिन इसके कुछ देर बाद उन्होंने लिखा कि वह अपनी राय व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र हैं. छात्र और अध्यापकों का एक धड़ा, जिसमें ज्यादातर महिलाएं हैं. उन्होंने उनके खिलाफ गुस्सा जाहिर किया है. छात्रों और अध्यापकों ने कनक सरकार पर फेसबुक पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने और इसी तरह के बयान कैंपस में देने का आरोप लगाया है. छात्र आज से विरोध प्रदर्शन करेंगे. जेयू हमेशा से ही छात्र राजनीति का मुख्य केंद्र रहा है. अपनी दूसरी पोस्ट में सरकार ने लिखा- ‘सुप्रीम कोर्ट ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66ए के तहत सोशल मीडिया पर अपनी भावनाएं व्यक्त करने का अधिकार दिया है’. जिसके बाद वह बंगाल के बुद्धिजीवियों के निशाने पर आ गए.
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अर्थशास्त्र विभाग की प्रमुख ने साधा निशाना, प्रोफेसर बोले शोध कर रहा हूं
सिटी कॉलेज में अर्थशास्त्र विभाग की प्रमुख शाश्वती घोष ने कहा- ‘एक महिला बहुत से कारणों की वजह से अपनी वर्जिनिटी खो देती है. जिसमें खेल (स्पोर्ट) भी शामिल है. इस प्रोफेसर की शैक्षणिक योग्यता सवालों के घेरे में है. वह बच्चों को क्या पढ़ाएगा’? पूरे दिन तक सरकार ने अपनी दूसरी पोस्ट को डिलीट कर दिया था. लेकिन छात्रों ने उनके खिलाफ विरोध करने की तैयारी कर ली है और जेयू के कुछ अध्यापकों ने सरकार के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया है. हालांकि सरकार लगातार फेसबुक पर और दूसरे प्लेटफॉर्म पर पोस्ट लिख रहे हैं और अपना बचाव कर रहे हैं. सरकार ने अपने पहले फेसबुक पोस्ट में लिखा था- ‘क्या आप टूटी हुई सील वाली कोल्ड ड्रिंक या बिस्कुट का पैकेट खरीदना चाहेंगे’? दूसरी पोस्ट में लिखा- ‘मैंने किसी शख्स, व्यक्ति या प्रमाण के साथ किसी शख्स के खिलाफ नहीं लिखा था. मैं एक सामाजिक शोध कर रहा हूं और समाज की भलाई के लिए लिख रहा हूं’.
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छात्रा ने कहा– प्रोफेसर को आपत्तिजनक पोस्ट के लिए जाना जाता है
अतंरराष्ट्रीय रिश्तों की अंतिम वर्ष की छात्रा सोमाश्री चौधरी ने कहा- ‘प्रोफेसर सरकार को सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने के लिए जाना जाता है. वह बातचीत के दौरान भी आपत्तिजनक टिप्पणी करते हैं. लोग इतने सालों से उन्हें नजरअंदाज किया करते थे लेकिन अब उन्होंने सीमा पार कर दी है. हमें कुछ करना होगा. टीचर्स भी उनका विरोध कर रहे हैं’. राष्ट्रीय महिला आयोग ने प्रोफेसर के फेसबुक पोस्ट को लेकर स्वत: संज्ञान लिया है. एनसीडब्ल्यू की टीम विश्वविद्यालय के उप कुलपति से मुलाकात करेगी. एनसीडब्ल्यू ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी को भी पत्र लिखा है जिसमें उन्हें प्रोफेसर के खिलाफ जांच करने और आईपीसी के अंतर्गत कार्रवाई करने का आदेश दिया है.
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