जस्टिस यशवंत वर्मा बने इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश, CJI ने दिलाई शपथ

जस्टिस यशवंत वर्मा (Justice Yashwant Verma) ने शनिवार को एक निजी कार्यक्रम में इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश के पद की शपथ ली है। हालांकि, अभी उनके विरुद्ध जारी आंतरिक जांच के कारण उन्हें अभी कोई न्यायिक जिम्मेदारी नहीं दी गई है। सीनियरिटी के क्रम में जस्टिस वर्मा को मुख्य न्यायाधीश के बाद छठा स्थान प्राप्त हैं।

आवास पर कैश मिलने के बाद हुई जांच

जस्टिस यशवंत वर्मा पर भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लगे हैं। हाल ही में जस्टिस वर्मा आवास से बड़ी मात्रा में नकदी बरामद की गई थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में तीन सदस्यीय जांच समिति इस मामले की पड़ताल कर रही है। इसी पृष्ठभूमि में उन्होंने सार्वजनिक समारोह के बजाय अपने चेंबर में ही शपथ ली, जिसकी अनुमति उन्हें मुख्य न्यायाधीश से मिली थी।

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ट्रांसफर के विरोध में बार एसोसिएशन की नाराज़गी

28 मार्च को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की अनुशंसा पर केंद्र सरकार ने जस्टिस वर्मा का स्थानांतरण दिल्ली हाईकोर्ट से इलाहाबाद हाईकोर्ट में किया था। इस फैसले का इलाहाबाद बार एसोसिएशन ने तीव्र विरोध किया और अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा कर दी। हालांकि, CJI संजीव खन्ना के आश्वासन के बाद फिलहाल इस हड़ताल को टाल दिया गया है। बार का स्पष्ट कहना है कि वे भ्रष्टाचार के आरोप झेल रहे किसी भी जज को स्वीकार नहीं करेंगे।

FIR की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने बताया ‘अकाल उचित’

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका को खारिज करते हुए कहा कि जस्टिस वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करना अभी समय से पहले होगा। अदालत ने स्पष्ट किया कि इस मामले की जांच एक तीन सदस्यीय पैनल द्वारा की जा रही है और जांच पूरी होने के बाद ही आगे की कार्रवाई पर निर्णय होगा। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि 20 मार्च को भ्रष्टाचार प्रकरण उजागर होने के बावजूद कोई गिरफ्तारी या बरामदगी नहीं हुई।

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