सिंधिया ने किया कांग्रेस से किनारा, 30 करीबी MLA भी गायब, कांग्रेस में हड़कंप

लंबे समय से खामोश चल रहे कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने चुप्पी तोड़ दी है. सिंधिया ने अपने आप को कांग्रेस से अलग कर लिया है. दरअसल, सिंधिया ने अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल में अपनी पोस्ट बदल दी है. कांग्रेस से किनारा करते हुए सिंधिया ने ट्विटर प्रोफाइल पर खुद को समाज सेवक और क्रिकेट प्रेमी बताया है. सिंधिया में अचानक आए इस बदलाव से कांग्रेस में हलचल बढ़ गई है. इसे सिंधिया की लंबे समय से पार्टी से चल रही नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है, हालांकि खुले तौर पर सिंधिया ने इसे स्वीकार नही किया है. वही सिंधिया की पीएम मोदी से मुलाकात की खबरें भी सामने आ रही है.


ऐसा माना जा रहा है कि नाराजगी के चलते सिंधिया ने ये कदम उठाया है. अचानक हुए इस बदलाव से भोपाल से दिल्ली तक हड़कंप मच गया है. सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो चला है।हाल ही में कई बार सिंधिया अपनी ही सरकार का घेराव करते हुए भी नजर आए थे. उन्होंने सीएम को कई मुद्दों के लेकर पत्र भी लिखा था, जिसने चर्चाओं के बाजार को गर्म कर दिया था. हैरानी की बात ये है कि अभी तक इस पूरे घटनाक्रम पर कांग्रेस के किसी भी नेता की प्रतिक्रिया सामने नही आई है. अब सियासी महकमे में इसको लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं. लोग अब इसके मायने निकालने लगे हैं.वहीं खबरें तो ये भी हैं कि संधिया के खेमें से करीब विधायक फोन नहीं उठा रहे हैं, उनसे संपर्क करने पर नोट रीचेबल बताया जा रहा है, जिसे लेकर पर कांग्रेस परेशान है.


आपको बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के हाल के दिनों में कई ऐसे बयान आए थे जिससे ये लग रहा था कि उनके और कांग्रेस पार्टी के बीच सबकुछ ठीक नहीं है. सिंधिया ने कर्जमाफी, बाढ़ राहत राशि के लिए सर्वे और बिजली कटौती के मामले में खुद की पार्टी वाली कमलनाथ सरकार को कटघरे में खड़ा किया था जिसकी वजह से बीजेपी को कमलनाथ सरकार पर हमला करने के कई मौके मिले. अगस्त महीने में सिंधिया की नाराजगी और उनके समर्थन में कार्यकर्ताओं की इस्तीफे की धमकी के बीच सीएम कमलनाथ खुद सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली भी गए थे.


हाल ही में एक बैठक में सिंधिया के सामने कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शासन-प्रशासन के कथित असहयोगात्मक रुख के बारे में उन्हें बताया. कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने किसान कर्जमाफी, बेरोजगारी भत्ता सहित अन्य कई वादे किए थे, मगर इसका लाभ संबंधित वर्ग को नहीं मिल पा रहा है. इससे पार्टी कार्यकर्ताओं को जनता के बीच जाकर असहज स्थिति का सामना करना पड़ता है. इससे यह साफ संदेश गया कि सिंधिया के समर्थक कमलनाथ सरकार से नाराज हैं.


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