हाल ही में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव खत्म हुए हैं, जिसमे बीजेपी सरकार ने एक बार फिर से बहुमत हासिल किया है। इस बार के चुनाव में बीजेपी की तरफ से उतारे गए कई प्रत्याशी बेहद चर्चा में रहे। जिनमे शामिल हैं, कानपुर के पूर्व पुलिस कमिश्नर और कन्नौज के नवनिर्मित विधायक असीम अरुण। खाकी छोड़ने के बाद बेहद ही कम समय में असीम अरुण ने राजनीति में अपना पैर जमा लिया। असीम अरुण ने सपा के गढ़ में धमाकेदार जीत हासिल की। जिसके बाद अब उन्होंने कुछ ऐसा कदम उठाया जिसकी चर्चा सोशल मीडिया पर हो रही है।
असीम अरुण ने लौटाया गनर
जानकारी के मुताबिक, IPS की नौकरी छोड़कर चुनाव लड़े असीम अरुण ने समाजवादी गठबंधन के कैंडिडेट अनिल कुमार 6362 वोटों से हराया। असीम अरुण को 120555 वोट मिले तो वहीं उनके प्रतिद्वंद्वी अनिल कुमार दोहरे को 114193 वोट मिले हैं। जीत के ऐलान के बाद उन्होंने कुछ ऐसा काम किया जिसने एक बार फिर लोगों को असीम का मुरीद बना दिया। दरअसल, गुरुवार को निगम मंडी में मतगणना के बाद असीम अरुण को जीत का प्रमाणपत्र दिया था। एसपी ने तत्काल उन्हें गनर उपलब्ध कराए थे।
@asimarun जी की अच्छी पहल है
कन्नौज से #BJP विधायक असीम अरुण ने सुरक्षा के लिए मिले गनर को वापस किया। pic.twitter.com/j7GSk34aBj
— Arvind Shukla (@AShukkla) March 12, 2022
शुक्रवार को सदर विधायक ने पुलिस अधीक्षक प्रशांत वर्मा (Prashant Verma) को पत्र लिखकर सरकारी सुरक्षा वापस लेने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि वह कन्नौज में सुरक्षित महसूस कर रहे हैं और उन्हें सुुरक्षा लेने की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्हें प्रसन्नता होगी कि उनकी सुरक्षा में लगे आरक्षियों को जनता की सुरक्षा में लगाया जाएगा। असीम अरुण प्रदेश में पहले ऐसे विधायक बन गए हैं, जिन्होंने सुरक्षा लेने से इन्कार किया है।
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट ने पहनी खादी
पूर्व में कानपुर के पुलिस कमिश्नर पद पर तैनात असीम अरुण Indian Police Service में आने के पश्चात हाथरस,बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, आगरा, अलीगढ़ और गोरखपुर में पुलिस अधीक्षक और पुलिस उपमहानिरीक्षक के रूप में अपनी सेवाएं दीं। इसके बाद इन्होंने लखनऊ एटीएस में भी कार्यभार संभाला। फिलहाल अभी तक असीम अरुण यूपी 112 में अपर पुलिस महानिदेशक के पदभार पर तैनात थे। निर्भीक और शानदार प्रदर्शन के कारण असीम अरुण को देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सुरक्षा दस्ते में शामिल किया गया। उसमें वे एसपीजी के क्लोज प्रोटेक्शन टीम के हेड थे। इसके अलावा वे एसपीजी, एनएसजी और सीबीआइ में भी सेवाएं दे चुके हैं।
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