उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी के समय फ्रंट लाइन पर तैनात पुलिसकर्मियों से ही अब चालबाज ठगी करने में लगे हैं। मामला कन्नौज जिले का है, जहां एक मेडिकल कॉलेज में रेमडेसिविर इंजेक्शन के नाम पर दारोगा से 95 हजार ठग लिए। इसके साथ ही दारोगा की पत्नी को डिस्चार्ज करने के नाम पर भी उनसे दस हजार की मांग की। जिसके बाद दारोगा ने इसका विरोध किया तो अस्पतालकर्मियों ने दारोगा के साथ अभद्रता कर दी। दारोगा ने मेडिकल चौकी में केस दर्ज कराया है।
ये है मामला
प्रशासन की लगातार कार्रवाई के बावजूद भी प्रदेश में दवाइयों की कालाबाजारी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। दैनिक जागरण अखबार की खबर की मानें तो मैनपुरी जिले के बेवर थाना क्षेत्र के शिव नगर कालोनी निवासी उपनिरीक्षक भगवानदास लखनऊ में कालीदास मार्ग पर पुलिस हेड क्वार्टर में तैनात हैं। बताया कि पत्नी मायाश्री 21 मई को कोरोना संक्रमित हो गईं, जिन्हें मेडिकल कालेज के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया था। सभी की तरह उन्हे भी रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत पड़ी।
जिस पर दारोगा को अस्पताल के ही एक सफाई कर्मी ने इंजेक्शन दिलाने की बात कही। जिसके बाद दोनों कर्मचारियों ने मिलकर 15 हजार रुपये प्रति इंजेक्शन तय किए। इस पर छह डोज लगाने के 90 हजार रुपये ले लिए। सोमवार को मायाश्री ठीक होने पर डिस्चार्ज की गईं तो दोनों कर्मचारियों ने दस हजार रुपये और मांगे। फिर भी उन्होंने पांच हजार रुपये दे दिए।
दारोगा से की अभद्रता
जिसके बाद कर्मचारियों ने विवाद करना शुरू कर दिया। जब दारोगा ने विरोध किया तो उनसे अभद्रता भी की गई। अस्पताल कर्मियों से परेशान दारोगा ने मेडिकल चौकी में शिकायत की है। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक शैलेंद्र कुमार मिश्रा ने मामले की जांच की। एक कर्मचारी को हिरासत में लिया। कहा जा रहा है जो दोषी निकलेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
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