धर्मांतरण (Conversion) गिरोह के चंगुल में फंसे कानपुर के आदित्य गुप्ता उर्फ अब्दुल कादिर (Abdul Qadir) से पूछताछ के बाद मामले में तीन धर्म गुरुओं (Three Muslim clerics) की भूमिका भी संदिग्ध हो गई है। ये तीनों धर्म गुरू सीएए-एनआरसी विरोध प्रदर्शन में दंगा भड़काने के आरोपी रहे हैं। वर्तमान समय में तीनों जमानत पर बाहर हैं। इनमें से एक धर्मांतरण के आरोपी मौलाना मोहम्मद उमर गौतम के संपर्क में था। यह उस कई बाहर अपने साथ हलीम मुस्लिम कॉलेज भी लेकर गया था। यूपी एटीएस इन तीनों धर्म गुरुओं के 8 महीने की जन्म कुंडली निकालने में लगी है।
एजेंसी इनके डाटा के जरिए यह जानने की कोशिश कर रही है कि इस तरह का शातिर दिमाग और फंडिंग आखिकार उन्हें मिल कहां से रहा था? तीनों पर सीएए-एनआरसी के विरोध में फंडिंग इकट्ठा करने का आरोप था। यह तथ्य भी सामने आए थे कि इन्होंने लोगों को कानून के बारे में गलत जानकारी देकर उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत किया था।
इससे कानपुर में दंगे हो गए थे। तब भी सुरक्षा एजेंसियों ने फंडिंग का सोर्स पता लगाने की कोशिश की थी। इसमें उन्हें कुछ अकाउंट्स के बारे में जानकारी भी मिली थी, लेकिन वह फर्जी आईडी पर खोले गए थे। इससे उन खातों को किसने खुलवाया था, इसका पता नहीं चल सका था। फिलहाल, तीनों धर्मगुरुओं का आठ माह का डाटा खोजा जा रहा है।
इसमें इनकी कॉल डीटेल रिपोर्ट के अलावा सोशल मीडिया पर इनकी गतिविधियों को देखा जा रहा है। साथ ही इनके बैंक खातों की जानकारी भी एजेंसी द्वारा जुटाई जा रही है। एटीएस सूत्रों के मुताबिक, सोशल मीडिया और सीडीआर के जरिए यह पता किया जा रहा है कि तीनों किसके किसके सम्पर्क में थे और क्या कर रहे थे।
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )