कानपुर जिले के डीएम और पुलिस कमिश्नर ने एसटीएफ के एक सिपाही के खिलाफ शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। जिसके अंतर्गत सिपाही का शस्त्र निलंबित कर दिया गया है। दरअसल, सिपाही पर आय से अधिक संपत्ति बनाने, भूमाफियाओं से गठजोड़ करने का आरोप लगा हुआ है। अब तक की जांच में सिपाही के पास 35 करोड़ की संपत्ति का खुलासा हो पाया है। जिस वजह से उस पर कार्रवाई का दौर शुरू हो गया है।
ये है मामला
जानकारी के मुताबिक, शिवेंद्र मूल रूप से औरैया के भरतौल गांव का निवासी है। वर्तमान में उसकी तैनाती एसटीएफ के लखनऊ मुख्यालय में है। कानपुर में तैनाती के दौरान उस पर आय से अधिक संपत्ति बनाने, भूमाफिया से सांठगांठ और अपराधियों को संरक्षण देने के आरोप लगे थे।एंटी करप्शन विंग की जांच में सभी आरोप सही पाए गए।
निरस्त हो सकता है लाइसेंस
जिसके बाद एंटी करप्शन के अधिकारियों ने उसके खिलाफ चकेरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जांच में उसके पास 35 करोड़ रुपये की संपत्ति होने की पुष्टि हुई थी। वह विभाग को हिसाब नहीं दे सका था कि वेतन के अलावा उसके पास आय का क्या साधन है। इसी आधार पर माना गया कि भ्रष्टाचार के आरोप सही हैं। बताते हैं कि लाइसेंसी रिवॉल्वर के बल पर वह लोगों को धमकाया करता था। थाने में दर्ज रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी ने उसका लाइसेंस निलंबित कर दिया है। 14 जुलाई को वह जिलाधिकारी की कोर्ट में पेश नहीं होता तो लाइसेंस निरस्त भी किया जा सकता है।
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