यूपी पुलिस के एक दारोगा पर गैंगस्टर की बाइक खरीदने के साथ कई गंभीर आरोप लगे हैं. दरअसल, आरोप यह भी है कि उन्होंने यह बुृलेट गैंगस्टर को राहत देने के बदले अपने नाम करा ली है. जिसके बाद अब जिले के पुलिस कमिश्नर ने दारोगा और अपने पीआरओ अजय मिश्रा को लाइन हाजिर कर दिया गया है. इसके साथ ही पुलिस कमिश्नर ने इस मामले में एसीपी आनंद प्रकाश तिवारी को जांच दी है. उनसे 4 दिन में जांच रिपोर्ट मांगी गई है.
ये है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, कानपुर पुलिस कमिश्नर के पीआरओ अजय मिश्रा इस समय यूपी 78 एफजे9533 नंबर की बुलेट से चल रहे हैं. यह गाड़ी उन्होंने अपने बेटे उत्कर्ष के नाम पर खरीदी थी. उन पर ये आरोप है कि गाड़ी पहले बलराम राजपूत की पत्नी सोनी राजपूत के नाम पर थी.
बलराम राजपूत पर मादक पदार्थों की तस्करी हत्या के प्रयास लूट अपहरण डकैती समेत 16 मुकदमे विभिन्न थानों में दर्ज हैं. इसके अलावा हरियाणा के सिरसा में भी उसके खिलाफ 4 केस दर्ज हैं. अजय मिश्रा एक छात्रा की खुदकुशी मामले में जब जेल गए थे तो उनके संबंध बलराम राजपूत से हो गए थे. बाद में बलराम राजपूत को किसी प्रकार की राहत देने के बदले उन्होंने बाइक उससे अपने नाम करा ली.
हालांकि इस मामले में अजय मिश्रा का कहना है कि वह बलराम राजपूत को नहीं जानते. उन्होंने यह बुलेट एक ब्रोकर के माध्यम से खरीदी थी. उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि यह बुलेट किसी गैंगस्टर की है. उन्होंने ₹90000 में बुलेट खरीदी थी. जिसके ₹50000 का पेमेंट उन्होंने चेक से किया था. जबकि ₹40000 उन्होंने बलराम राजपूत को नगद दिया था.
पुलिस कमिश्नर ने दी जानकारी
मामले की जानकारी देते हुए पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने बताया कि पीआरओ अजय मिश्रा पर गंभीर आरोप लगाए गए थे. इसलिए उन्हें लाइन हाजिर कर दिया गया है. फिलहाल इस प्रकरण की जांच संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी करेंगे. जल्द ही जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.
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