कर्नाटक का सियासी ‘नाटक’, 31 मंत्रियों के इस्तीफे के बाद संकट में कुमारस्वामी सरकार, संसद तक पहुंचा सियासी बवाल

कर्नाटक (Karnataka) की सियासत में इन दिनों भूचाल आया हुआ है. कुमारस्वामी सरकार के 31 मंत्रियों ने इस्तीफे दे दिए हैं. कांग्रेस के 21, जेडीएस के 9 और एक निर्दलीय (एच नागेश) के इस्तीफे ने इस संकट को और बढ़ा दिया है. हालांकि सीएम एचडी कुमारस्वामी अब भी कह रहे हैं कि मौजूदा सियासी संकट से सरकार को कोई खतरा नहीं है और वे बातचीत के जरिए मसले को सुलझा लेंगे. दरअसल, यह सियासी संकट उस वक्त और गंभीर हो गया जब शनिवार को जेडीएस और कांग्रेस के 13 विधायकों ने इस्‍तीफे दे दिए और राज्‍य की एचडी कुमारस्‍वामी सरकार गंभीर संकट में फंस गई.


इस बीच, राज्‍य सरकार को बचाने के लिए कांग्रेस और जेडीएस भी ऐक्टिव है. कांग्रेस ने कहा कि मंत्रिमंडल में फेरबदल करने और असंतुष्ट विधायकों को उसमें जगह देने के लिए उसके मंत्रियों ने स्वेच्छा से इस्तीफा दिया है. उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर के निवास पर हुई कांग्रेस मंत्रियों की अहम बैठक में यह फैसला लिया गया. इस बैठक में कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया और कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी हिस्सा लिया. हालांकि, मंत्रियों के इस्तीफे के बाद भी कुमारस्वामी सरकार का संकट खत्म होता नहीं दिख रहा है. अगर जेडीएस-कांग्रेस विधायकों का इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष स्वीकार कर लेते है तो आंकड़ों का गणित बीजेपी के पक्ष में हो जाएगा.


बता दें कि राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन के अब 117 विधायक हैं, जिनमें स्पीकर के अलावा कांग्रेस के 78 विधायक, जदएस के 37 विधायक, बसपा का एक विधायक और एक निर्दलीय विधायक शामिल है. अगर विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए जाते हैं तो मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी की 13 माह पुरानी गठबंधन सरकार बहुमत खो देगी. सनद रहे कि स्पीकर रमेश कुमार ने शनिवार को कहा था कि सरकार गिर जाएगी या बरकरार रहेगी, इस बारे में विधानसभा में फैसला होगा. विधानसभा का सत्र 12 जुलाई से शुरू हो रहा है.


कर्नाटक में आई राजनीतिक अस्थिरता पर राजनाथ सिंह ने आज जब लोकसभा में बोलना शुरू किया तो कांग्रेस के जले पर नमक छिड़कते हुए कांग्रेस पार्टी में जारी इस्तीफों पर चुटकी लेते हुए हमलावर हुए. उन्होंने कहा, “कर्नाटक की सरकार गिराने में हम कोई कोशिश नहीं कर रहे हैं. त्याग पत्र देने का सिलसिला तो राहुल गांधी ने शुरू किया है, हमारा क्या लेना देना ? हर दिन कांग्रेस के बड़े बड़े नेता इस्तीफ़ा दे रहे हैं.”



इसके साथ ही राजनाथ सिंह ने कहा, “हम संसदीय लोकतंत्र की गरिमा को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं. कर्नाटक में जो कुछ भी हो रहा है कि इससे हमारी पार्टी का कोई लेनादेना नहीं है. हमारी पार्टी कभी भी खरीद फरोख्त में शामिल नहीं होती.”


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