कौशांबी से गिरफ्तार बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआइ) ग्रुप का खालिस्तानी आतंकी लजर मसीह लखनऊ के एक होटल में दो दिनों तक ठहरा था। इसकी जानकारी के बाद जांच टीम ने होटल में मिलने-जुलने वाले लोगों का ब्यौरा जुटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, ताकि अन्य संदिग्धों के बारे में जानकारी हासिल की जा सके। इसके साथ ही गाजियाबाद के फर्जी पते पर पासपोर्ट बनवाने के मामले में भी जांच का दायरा बढ़ाने की बात सामने आ रही है।इस मामले में जल्द ही पासपोर्ट विभाग के संबंधित अधिकारियों से पूछताछ की संभावना है।
लखनऊ और कानपुर में घूमता रहा आतंकी
सूत्रों के अनुसार, लजर मसीह वसंत पंचमी के दिन यूपी में दाखिल हुआ था, लेकिन कड़ी सुरक्षा के चलते वह मेला क्षेत्र में नहीं पहुंच सका और कानपुर तथा लखनऊ में घूमता रहा। कौशांबी के कोखराज से गिरफ्तार होने के समय उसके पास विदेशी हथियारों के अलावा कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले थे, जिनमें लखनऊ के गौतमबुद्ध मार्ग स्थित होटल मेजबान का कार्ड, निजाम टूर एंड ट्रेवेल्स का कार्ड और पापुलर ट्रेवेल्स का बस टिकट शामिल था।
सीसीटीवी फुटेज की जांच
एसटीएफ और सुरक्षा एजेंसियों ने इन दस्तावेजों के आधार पर जांच का दायरा बढ़ाया। होटल कर्मियों से पूछताछ के दौरान यह जानकारी सामने आई कि गाजियाबाद के पते पर एक व्यक्ति रुका था, जिसे पहचानने पर यह पुष्टि हो गई कि वह लजर मसीह था। अब जांच यह कर रही है कि आतंकी से होटल में मिलने कौन-कौन लोग आए थे। इसके लिए होटल प्रबंधन से सीसीटीवी फुटेज मांगा गया है।
गाजियाबाद के फर्जी पते पर आधार और पासपोर्ट बनाने का मामला
सूत्रों के अनुसार, लजर मसीह ने अमृतसर की बजाय गाजियाबाद के एक फर्जी पते पर आधार कार्ड बनवाया था। इसके बाद उसने गाजियाबाद के पते पर ही फर्जी पासपोर्ट बनवाने के लिए 15 लाख रुपये में डील की और ढाई लाख रुपये एडवांस भी दिए थे। इस मामले में भी जांच जारी है कि यह कैसे और किन परिस्थितियों में हुआ।
एटीएस को सौंपा गया मामला
लजर मसीह का केस अब आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) को सौंप दिया गया है। एसटीएफ के अधिकारियों ने बुधवार रात कोखराज पुलिस को पत्र भेजकर यह मामला एटीएस को ट्रांसफर किया। अब एटीएस की टीम पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (आईएसआई) के भारत में फैले नेटवर्क की जानकारी हासिल करने में जुटी है। जल्द ही आतंकी को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा सकती है।