डिज़ायनर पत्रकारों ने फैलाई 133 करोड़ के दीपोत्सव की झूठी खबर, महज एक करोड़ 32 लाख 70 हज़ार में हुआ था अयोध्या का दीपोत्सव

26 अक्टूबर को दीपावली (Dipawali) से पहले राम नगरी अयोध्या (Ayodhya) में सरयू नदी के किनारे दीपोत्सव मनाया गया. इस मौके पर एक साथ करीब 5 लाख 51 हजार दिए जलाने का विश्व रिकॉर्ड गिनीज बुक में दर्ज हुआ. इस दौरान कई मीडिया संस्थानों और डियाइनर पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि योगी सरकार ने दीपोत्सव में 133 करोड़ रुपए खर्च कर दिए. जिसके बाद से अफवाह उड़ गयी कि अयोध्या में दीपोत्सव (Deepotsav) पर 133 करोड़ का खर्च आया है. हमने जब खबर की पड़ताल की तो आंकड़ा कुछ और ही निकला.


देखिए दीपोत्सव को लेकर कैसे फैलाया गया झूंठ


https://twitter.com/AliSohrab007/status/1189767200728502272?s=20

दरअसल, योगी सरकार ने अयोध्या के दीपोत्सव मेले को ‘राज्य मेले’ का दर्जा देने के प्रस्ताव पारित किया था. यानी कि दीपावली के एक दिन पहले 26 अक्टूबर को आयोजित होने वाले दीपोत्सव मेले का खर्च जिलाधिकारी के जरिए राज्य सरकार उठाएगी. सरकार ने 22 अक्टूबर को एक प्रेस रिलीज जारी करके बताया था कि दीपोत्सव पर 32 लाख 70 हज़ाररुपये खर्च होने का अनुमान है.


वहीं कुछ डिजाइनर पत्रकारों और मीडिया संस्थानो ने इसे 133 करोड़ बताकर खबर चलानी शुरु कर दी. मामले को बढ़ता देख बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता और योगी सरकार में सूचना सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने फैलाई जा रही खबर का खंडन किया, और सरकार की तरफ से जारी प्रेस रिलीज अपने ट्वीट मेें अटैच करके सोशल मीडिया पर चल रहीं अफवाहों को विराम दिया.


सरकार की ओर से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया था कि वर्ष 2019 में आयोजन पर लगभग 132.70 लाख रुपये के व्यय का अनुमान है. इस मेले के आयोजन पर होने वाले व्यय भार का वहन शासन द्वारा धनराशि की उपलब्धता के आधार पर किया जाएगा .


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