Saryu Nahar National Project: 50 सालों से अटकी सरयू परियोजना अब हुई पूरी, जानिए कैसे बदलेगी पूर्वांचल के 29 लाख किसानों की जिंदगी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को उत्तर प्रदेश को अब तक की सबसे बड़ी परियोजना की सौगात दी है. बलरामपुर में पीएम मोदी सरयू नहर परियोजना (Saryu Nahar National Project) का लोकार्पण किया है. 9802 करोड़ रुपए की लागत वाली इस परियोजना से उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल के 9 जिले लाभान्वित होंगे. सिंचाई के क्षेत्र में यह परियोजना पूर्वांचल के विकास के लिए काफी लाभकारी होगी. पूर्वांचल के जो 9 जिले सरयू नहर परियोजना से लाभान्वित होंगे. इनमें बलरामपुर, श्रावस्ती, गोंडा, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर, महाराजगंज, बस्ती, संतकबीर नगर और कुशीनगर शामिल हैं.

सरयू नहर परियोजना 50 साल पहले 1971 में शुरू की गई थी तब इस परियोजना मैं कुल ₹78 करोड़ की लागत का अनुमान लगाया गया था. लेकिन 50 सालों तक यह परियोजना पूरी नहीं हो सकी. 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद पीएम मोदी ने देश की अधूरी पड़ी 99 परियोजनाओं को पूरा करने का बीड़ा उठाया. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश की यह सबसे बड़ी नहर परियोजना को विभिन्न प्रयासों से पूरा किया गया. इस परियोजना को पूरा करने में 9802 करोड़ रुपए खर्च हुए. सरयू नहर परियोजना से 14.5 लाख हैक्टेयर जमीन को सिंचाई की सुविधा मिल सकेगी. इस योजना से 25 लाख किसान सीधे लाभान्वित हो रहे हैं.

पांच नदियां शामिल
सरयू नहर परियोजना की एक महत्वपूर्ण कड़ी यह भी है कि इस परियोजना से 5 नदियों को जोड़ा जाएगा. इनमें घाघरा, सरयू, राप्ती, बाणगंगा और रोहिन नदी शामिल है. सरयू नहर परियोजना की कुल लंबाई 318 किलोमीटर है इनमें से कुल 6600 किलोमीटर की नहरें निकाली गई है. इस परियोजना से प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट “हर खेत को पानी” का सपना पूरा हो सकेगा.

किसानों की बदलेगी जिंदगी 
इस परियोजना से क्षेत्र के नौ जिलों में लगभग 29 लाख किसानों को 14.5 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई करने में मदद मिलेगी. 6,623 किलोमीटर की नहर प्रणाली जो 318 किलोमीटर की मुख्य नहर से जुड़ी है. यह बहराइच से गोरखपुर तक नौ जिलों में फैली हुई है और घाघरा, सरयू, राप्ती और रोहिणी जैसी नदियों को जोड़ती है. इस परियोजना से बस्ती में 4.20 लाख हेक्टेयर और गोंडा में 3.96 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई में मदद मिलेगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दावा है कि यह परियोजना क्षेत्र के किसानों के जीवन में एक बड़ा बदलाव लाएगी क्योंकि इससे उनकी आय में वृद्धि होगी और रोजगार के अवसर पैदा होंगे.

सिंचाई के लिए नहीं होगी पानी की कमी 
बताया जा रहा है कि अब कम से कम तराई और पूर्वांचल के नौ जिलों के किसानों को सिंचाई के लिए पानी का अभाव नहीं होगा. जिस नदी में पानी कम होगा उसमें बड़ी नदी से पानी बैराज के जरिए पहुंचाया जाएगा और खेतों को पानी मिलेगा. वहीं खरीफ और रबी दोनों फसलों के समय किसानों को पानी मिल सकेगा।. इस परियोजना को पूर्वांचल के कुछ क्षेत्रों में मुख्य और सहायक नहरों को घाघरा, सरयू, राप्ती नदी पर बने बैराजों से जोड़कर बाढ़ की समस्या का स्थायी समाधान निकालने की कोशिश कहा जा सकता है.

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