कुशीनगर: 69,000 शिक्षक भर्ती घोटाले में लंबे समय से चल रही जांच के बाद अब प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। जिले के अलग-अलग प्राथमिक विद्यालयों में तैनात 20 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है। ये सभी शिक्षक वर्ष 2019 की भर्ती प्रक्रिया के तहत नियुक्त किए गए थे।
फर्जीवाड़े के आरोप
इन शिक्षकों पर भर्ती के दौरान फर्जी दस्तावेज़ जमा करने और मेरिट अंक में हेराफेरी करने का आरोप था। जांच में आरोप सही पाए गए, वही जिसके बाद प्रयागराज हाईकोर्ट ने इन शिक्षकों की सेवा समाप्त करने का निर्देश दिया।
BSA ने दिए आदेश
बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) राम जियावन मौर्य ने शुक्रवार को इन 20 शिक्षकों को बर्खास्त करने के आदेश जारी किए। उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई पूरी तरह से हाईकोर्ट के आदेशों के अनुपालन में की गई है। साथ ही उन्होंने कहा कि अन्य संदिग्ध शिक्षकों की जांच भी जारी है और दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ भी इसी तरह की कठोर कार्रवाई की जाएगी।
पहले से ही विवादों में रही प्रक्रिया
69,000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को लेकर पहले भी कई आरोप सामने आ चुके हैं। फर्जी दस्तावेज़, मेरिट में हेराफेरी और अयोग्य अभ्यर्थियों को नौकरी दिए जाने जैसे मामलों को लेकर जांच चल रही थी। हाईकोर्ट ने इन मामलों में गंभीरता दिखाई और दोषियों की सेवाएं समाप्त करने का निर्देश दिया था।
शिक्षा विभाग में मचा हड़कंप
इस कार्रवाई के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। शिक्षक संगठनों और अभ्यर्थियों के बीच चर्चा तेज हो गई है। हालांकि, योग्य और ईमानदार अभ्यर्थियों ने इस फैसले का स्वागत किया है और इसे न्याय की दिशा में उठाया गया जरूरी कदम बताया है।