लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) के तिकुनिया हिंसा (Tikunia Violence) मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत आदेश रद्द होने के बाद गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे और मुख्य आरोपी आशीष मिश्र (Main Accused Ashish Mishra) ने रविवार को सरेंडर कर दिया है। आशीष मिश्रा के पास 25 अप्रैल तक सरेंडर करने का समय था। सरेंडर करने के बाद लखीमपुर के सदर कोतवाल की गाड़ी में बैठा कर गुपचुप तरीके से आशीष मिश्रा को जेल लाया गया, जहां पीछे के गेट से जेल में एंट्री हुई।
सुप्रीम कोर्ट से जमानत आदेश रद्द होने के बाद प्रमुख आरोपी आशीष मिश्र मोनू को एक सप्ताह की मोहलत मिली थी, जो 25 अप्रैल सोमवार को समाप्त हो रही थी। एक दिन पहले मंत्री के बेटे ने सरेंडर कर दिया। बता दें पिछले साल अक्टूबर में किसान आंदोलन के दौरान लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचलने की घटना हुई थी।
इसमें केंद्रीय मंत्री के पुत्र पर हत्या समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के साथ जेल भेज दिया गया था। आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फरवरी 2022 में जमानत दी थी, जिसको लेकर तमाम सवाल भी उठे थे। सुप्रीम कोर्ट ने 18 अप्रैल को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की बेल रद्द कर दी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला रद्द करते हुए कहा था कि पीड़ितों को हर स्तर पर सुनवाई का अधिकार है। इस केस में पीड़ितों को सुनवाई के अधिकार से वंचित किया गया है। हाईकोर्ट ने कई अप्रासंगिक तथ्यों और अनदेखे उदाहरणों को ध्यान में रखकर फैसला दिया था। कोर्ट ने आदेश दिया कि एक हफ्ते में आशीष मिश्रा सरेंडर करें। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि आशीष मिश्रा की जमानत अर्जी पर हाईकोर्ट नए सिरे से विचार करे।
पीड़ितों के वकील दुष्यंत दवे ने गुजारिश की थी कि हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को सुप्रीम कोर्ट निर्देश दे कि इस बार किसी अन्य पीठ के सामने ये मामला जाए। सीजेआई ने कहा कि ऐसा आदेश पारित करना उचित नहीं होगा। हमें यकीन है कि वही जज दोबारा इस मामले को सुनना भी नहीं चाहेंगे।
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