उत्तर प्रदेश में लगातार ही माफियाओं के खिलाफ करवाई का दौर जारी है। जिसके अन्तर्गत कई बड़े माफियाओं और उनके गुर्गों को ना सिर्फ जेल भेजा गया बल्कि उनकी अवैध संपत्तियों पर भी कार्रवाई की गई। नए मामले में अब मऊ प्रशासन ने मुख्तार अंसारी के करीबी के ठेके का लाइसेंस निरस्त कर दिया है। जिसकी वजह से उसके सारे काम रुक गए।
इनका लाइसेंस हुआ निरस्त
जानकारी के मुताबिक, मऊ जिले के रोडवेज के प्लेटफार्म के निर्माण की जिम्मेदारी मेसर्स महमूद एंड कंपनी हकीकतपुरा के ठेकेदार महमूद अहमद को सौंपी गई थीं। महमूद अहमद बाहुबली सांसद मुख्तार अंसारी का काफी करीबी है। पांच लाख रुपये में प्लेटफार्म का निर्माण किया जाना था।
इसके साथ ही मऊ रोडवेज की पांच करोड़ की बिल्डिंग का ठेका भी महमूद अहमद को दिया गया था लेकिन यह बिल्डिंग बन चुकी है। इसको हैंडओवर भी कर दिया गया है। बिल्डिंग के बाद प्लेटफार्म निर्माण किया जाना था। जांच में ये बात सामने आई कि इसके निर्माण में काफी अनियमितता बरती जा रही थी।
निर्माण में अनियमितता की खबर मिलने ये बाद बीते दिनों एमडी मुकेश मेश्राम ने रोडवेज का औचक निरीक्षण किया था। अनियमितता मिलने पर उन्होंने तत्काल काम रोकवा दिया था। जांच करने का निर्देश एडीएम को दिया था। दूसरी तरफ दक्षिणटोला थाने में ठेकेदार के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई थी।
कौन है महमूद अहमद
बता दें महमूद अहमद मुख्तार अंसारी का बेहद करीबी कॉन्ट्रैक्टर है। 2002 में महमूद एंड कंपनी हकीकतपुरा तथ्यों को छिपाकर चरित्र प्रमाण पत्र बनवा लिया था। इसके बाद फर्जी रूप से ठेकेदारी का कार्य कर रहे थे। इसके अलावा उनके ऊपर कई अन्य मामले दर्ज थे। इस आधार पर उनके ऊपर गैंगस्टर एक्ट लगाया गया। उसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था।
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