अध्यात्म: वेद पुराणों समेत देवी देवताओं की कई ऐसी कहानियां आज भी हमारे लिए एक बड़ा रहस्य है. लेकिन आज हम आपको आज ऐसे एक रहस्य के बारे में बताने जा रहे हैं जो शायद ही किसी को पता होगा. भगवान श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी के 5 सगे भाई थे. ब्रह्मांडपुराण के अनुसार हनुमान जी महाराज के सगे 5 भाई थे. ‘उन पांचों के सुन्दर नारी अमित बाल बच्चा महतारी’ पांचों भाई विवाहित थे उनके बच्चे भी थे इस बात का विस्तार से उल्लेख ‘ब्रह्मांडपुराण’ में मिलता है.
ब्रह्मांडपुराण में लिखा है, वानर राज केसरी के 6 पुत्र थे. इनमें सबसे बड़े हनुमान जी थे उनके बाद क्रमशः मतिमान, श्रुतिमान, केतुमान, गतिमान, धृतिमान थे. इन सभी की संतान भी थीं. जिससे इनका वंश वर्षों तक चला. इसी ग्रंथ में उल्लेख है कि बजरंगबली के पिता केसरी ने अंजना से विवाह किया था. केसरी वानर राज थे.
‘ब्रह्मांडपुराण’ के अनुसार, केसरी ने कुंजर की पुत्री अंजना को पत्नी के रूप में स्वीकार किया. अंजना रूपवती थीं. इन्हीं के गर्भ से प्राणस्वरूप वायु के अंश से हनुमान का जन्म हुआ. इसी प्रसंग में हनुमान के अन्य भाइयों के बारे में बताया गया है.
राम चरित मानस के अनुसार बताया गया है कि भगवान श्रीराम भी हनुमान जी के भाई थे. कथा के अनुसार, राजा दशरथ की तीन रानियां थीं लेकिन संतान सुख के अभाव के कारण दशरथ जी दुःखी थे. गुरु वशिष्ठ की आज्ञा से दशरथ जी ने श्रृंग ऋषि को पुत्रेष्टि यज्ञ करने के लिए आमंत्रित किया गया. यज्ञ के सम्पन्न होने पर अग्निकुंड से दिव्य खीर से भरा हुआ स्वर्ण पात्र हाथ में लिए अग्नि देव प्रकट हुए और दशरथ से बोले, ‘‘देवता आप पर प्रसन्न हैं. यह दिव्य खीर अपनी रानियों को खिला दीजिए. इससे आपको चार दिव्य पुत्रों की प्राप्ति होगी.
इसके बाद जैसे ही राजा दशरथ शीघ्रता से अपने महल में पहुंचे. उन्होंने खीर का आधा भाग महारानी कौशल्या को दे दिया. फिर बचे हुए आधे भाग का आधा भाग रानी सुमित्रा को दिया इसके बाद जो शेष बचा वह कैकयी को दे दिया. सबसे अन्त में प्रसाद मिलने से कैकयी ने क्रोध में भरकर दशरथ को कठोर शब्द कहे. उसी समय भगवान शंकर की प्रेरणा से एक चील वहाँ आयी और कैकयी की हथेली पर से प्रसाद उठाकर अंजन पर्वत पर तपस्या में लीन अंजनी देवी के हाथ में रख दिया. प्रसाद ग्रहण करने से अंजनी भी राजा दशरथ की तीन रानियों की तरह गर्भवती हुई.
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समय आने पर दशरथ के घर राम, भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न का जन्म हुआ. दूसरी ओर अंजनी ने श्री हनुमान जी को जन्म दिया. इस तरह प्रकट हुए संकट और दुःखों को दूर करने वाले राम और हनुमान. एक ही खीर से राम और हनुमान का जन्म होने से दोनों भाई माने जाते हैं.
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