चुनावी ड्यूटी से बचने के लिए अजीबोगरीब बहाने बना रहे कार्मिक, किसी की सास मरी तो कोई पक्षी को दाना डालने की बीमारी से है पीड़ित

लोकसभा चुनाव के दौरान जयपुर जिले के कार्मिक ड्यूटी से बचने के लिए अजीबोगरीब बहाने बना रहे है. जिस कारण उनकी नौकरी छूटने के लिए भी नौबत आ पड़ी है. जिले के एक कार्मिक ने चुनावी ड्यूटी से बचने के लिए आवेदन दिया था. जिसमें उसने ड्यूटी पर नहीं जाने का कारण सास की मौत होना बताया. लेकिन जांच के दौरान जब कार्मिक के घर फोन कर पूछताछ की गई तो उसकी पत्नी चौंक पड़ी और ऐसी किसी भी घटना से इंकार कर दिया. बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में ड्यूटी निरस्त कराने के लिए स्थानीय जिला निर्वाचन कार्यालय में साढ़े चार हजार आवेदन आया हुआ है. इस दौरान जिला कलक्ट्रेट की टीम जब आवेदनों की जांच कर रही थी, तब मामले का खुलासा हुआ.


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फोन से जानकारी होने पर हुआ झूठ का खुलासा

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आवेदन की जांच के दौरान जिला कलक्टर जगरूप सिंह यादव ने मामला संदिग्ध होने के शक पर कार्मिक के घर फोन कर दिया. इस दौरान फोन पर उन्होंने कार्मिक की पत्नी से उनकी मां के निधन होने की बात कह कर शोक जताया. कार्मिक की पत्नी ने ऐसी किसी भी घटना होने से इंकार किया. जिसके बाद कार्मिक की बहानेबाजी और फर्जी आवेदन का खुलासा हो सका.


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पक्षियों को दाना डालने की वजह से गई नौकरी

सांगानेर ब्लॉक के एक शिक्षक ने चुनाव ड्यूटी निरस्त करने के लिए अनोखी बीमारी से पीडि़त होने की बात कही थी. उसने अपने आवेदन में लिखा था कि वह स्कूल में सिर्फ पक्षियों को दाना डालने का काम करता है. उसने चलने-फिरने में असमर्थता जताई थी. जिसके बाद कलेक्टर ने सांगानेर शिक्षा अधिकारी को शिक्षक की अनिवार्य रूप से सेवामुक्त करने का निर्देश जारी कर दिया.


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आवेदनों की जांच कर रही है टीम

विभागीय सूत्रों के अनुसार आवेदनकर्ताओं में शामिल कर्मचारियों में से अधिकांश ने छुट्टी मांगने का कारण खुद को शारीरिक रूप से चुनावी ड्यूटी के लिए कमजोर होना बताया है. इसके अलावा घर पर मां-बाप की सेवा करना, बीमार सास से काम नहीं होना और कई सारी छुट्टी मांगने की वजह बताई गई है. इसके अलावा कई महिला कार्मिकों ने बच्चों की परवरिश करने के लिए चुनावी ड्यूटी में आने में असमर्थता जताई है. जिसकी सच्चाई जानने के लिए एक टीम जांच कर रही है.


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