राजधानी लखनऊ (Lucknow) में फास्ट ट्रैक कोर्ट के स्पेशल जज फूल चंद्र कुशवाहा ने गैंगेरप के एक मामले में गवाही के लिए विवेचक के खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट का तामीला नहीं कराने पर कड़ा रुख अख्तियार कर लिया। उन्होंने इस मामले में थानाध्यक्ष विभूतिखंड (SO Vibhutikhand) के खिलाफ आईपीसी की धारा 175 के तहत मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया गया है। साथ ही नोटिस जारी कर 3 दिन के भीतर जवाब मांगा गया है।
इस आदेश की कॉपी जिलाधिकारी व अपर मुख्य सचिव गृह को भी भेजने का आदेश दिया है। स्पेशल जज फूल चंद्र कुशवाहा ने कहा है कि थानाध्यक्ष विभूतिखंड ने आदेश का अनुपालन नहीं कर अवमानना की है। अदालती पत्रावली के मुताबिक, इस मामले में पूर्व एसओ सतेंद्र कुमार राय की गवाही होनी है। वह इस मामले के विवेचक रहे हैं। लेकिन गवाही के लिए हाजिर नहीं हो रहे थे।
विशेष अदालत ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने के साथ ही सीआरपीसी की धारा 350 की नोटिस भी जारी किया था। इस पर थानाध्यक्ष विभूतिखंड की ओर से जवाब भेजकर बताया गया कि राज्य सरकार के कार्य में व्यवस्था होने व समयाभाव के चलते समन का तामील नहीं हो सका है। अदालत ने उनके इस जवाब को अत्यन्त आपत्तिजनक व घोर लापरवाही करार दिया।
कोर्ट ने कहा कि थानाध्यक्ष विभूतिखंड को इस मामले में व्यक्तिगत रुप से पत्र भेजकर भी गवाह की उपस्थिति सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया था। लेकिन उनके द्वारा उपेक्षापूर्ण रवैया अपनाते हुए जारी आदेशिकाओं का गैर जिम्मेदाराना तरीके से आख्या दिया गया है। जबकि यह महिला के विरुद्ध अपराध का गंभीर मामला है। अदालत ने विवेचक की गवाही के लिए अब अगली तारीख 24 मार्च तय की है।
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