उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में एक रिटायर्ड अधिकारी के घर चोरी के मामले में पूछताछ के लिए बुलाए गए उनके ड्राइवर की पिटाई से भीड़ का गुस्सा भड़क गया। इसके बाद भीड़ ने पुलिस चौकी में घुसकर दारोगा को जमकर पीटा और हंगामा मचाया। इस दौरान दारोगा ने खुद कौ चौकी के एक कमरे में बंद कर किसी तरह जान बचाई। घटना की जानकारी होने पर पीएसी को बुलाना पड़ा तब जाकर दारोगा को चौकी से निकाला जा सका।
जानकारी के अनुसार, लखनऊ के महानगर थाना क्षेत्र की पेपर मिल कॉलोनी में मेट्रो चौकी पर तैनात चौकी इंचार्ज सुधाकर पांडेय ने एक रिटायर्ड अधिकारी के घर चोकी के मामले में उनके ड्राइवर को पूछताछ के लिए बुलाया था। आरोप है कि पूछताछ के दौरान दारोगा ने उसे बेरहमी से पीटा। पिटाई की वजह से ड्राइवर बेहोश हो गया। उधर, चौकी में ड्राइवर को पीटे जाने से नाराज परिजन और मोहल्ले के लोग पुलिस चौकी पर जमा हो गए।
उन्होंने दारोगा के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर वहां हगांमा शुरू कर दिचया। इस दौरान दारोगा सुधाकर पांडेय अपने मोबाइल से लोगों की रिकॉर्डिंग करने लगे। यह देख भीड़ का गुस्सा भड़क गया। लोगों ने पुलिस चौकी में घुसकर दारोगा पर हमला कर दिया। भीड़ ने दारोगा का मोबाइल छीन लिया और उन्हें पीटना शुरू कर दिया। तभी दारोगा सुधाकर पांडेय ने खुद को बचाने के लिए किसी तरह चौकी का गेट बंद कर खुद को चौकी के भीतर ही बंद कर लिया।
इसके बाद भी भीड़ का गुस्सा शांत नहीं हुआ। भीड़ ने चौकी पर पत्थर चलाने शुरू कर दिए। लोगों को उग्र होता देख दारोगा ने पीएसी बुला ली। मौके पर पहुंची पीएसी ने किसी तरह भीड़ को शांत कराया। इसके बाद दारोगा को चौकी से बाहर निकाला गया। जानकारी के अनुसार, पुलिस चौकी में दारोगा पर हमला किए जाने के मामले में अधिकारियों ने कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
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डीएसपी देवेश पांडेय ने कहा कि उग्र भीड़ ने चौकी इंचार्ज पर हमला कर दिया, जो भी यूनिफॉर्म में मौजूद पुलिस कर्मी पर हमले की घटना में शामिल था, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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