लखनऊ नगर निगम ने शुक्रवार सुबह पर्यटन भवन को सील कर दिया। यह कार्रवाई जोन-4 के अधिकारी संजय यादव और टैक्स सुपरिटेंडेंट अनुराग उपाध्याय की टीम ने की। पर्यटन भवन पर 43 लाख 92 हजार रुपये का हाउस टैक्स बकाया था, और नगर निगम ने इस संबंध में कई बार नोटिस भी भेजे थे। इसके बावजूद, टैक्स का भुगतान नहीं किया गया था।
नोटिस भेजने के बावजूद कोई जवाब नहीं
टैक्स सुप्रिटेंडेंट अनुराग उपाध्याय ने बताया कि नगर निगम की ओर से पर्यटन भवन के अधिकारियों को कई बार हाउस टैक्स के भुगतान के लिए नोटिस भेजे गए थे। पहले भी बिल भेजे गए थे, लेकिन अधिकारियों ने मीटिंग का हवाला देकर भुगतान नहीं किया। 28 फरवरी को सीलिंग के लिए नोटिस भेजा गया, लेकिन उसे भी गंभीरता से नहीं लिया गया। इसीलिए, नगर निगम ने कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को पर्यटन भवन को सील कर दिया।
सीलिंग के बाद 15 लाख रुपये का भुगतान
सीलिंग की कार्रवाई के बाद, पर्यटन भवन के अधिकारियों ने 15 लाख रुपये का भुगतान करने की पेशकश की है। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा है कि बाकी बकाया हाउस टैक्स को एक सप्ताह के भीतर पूरा चुकता कर दिया जाएगा। नगर निगम ने यह स्पष्ट किया है कि भुगतान के बाद सीलिंग की कार्रवाई पर आगे का निर्णय लिया जाएगा।
नगर निगम का कड़ा रुख
नगर निगम अधिकारियों ने यह भी कहा है कि भविष्य में इस तरह की लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई जारी रखी जाएगी। हाउस टैक्स के भुगतान को सुनिश्चित करने के लिए नगर निगम का रुख पूरी तरह से सख्त रहेगा।