यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर अभद्र टिप्पणी कर चर्चा में आए स्वतंत्र पत्रकार प्रशांत कनौजिया (Prashant Kanojia) पर लखनऊ पुलिस शिकंजा कसने जा रही है. आरोपी के खिलाफ दर्ज एफआइआर में पुलिस ने चार्जशीट तैयार कर ली है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चार्जशीट की रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी. शासन की अनुमति के बाद इसे कोर्ट में दाखिल किया जाएगा. प्रकरण में वरिष्ठ अधिकारियों ने हजरतगंज पुलिस से प्रगति रिपोर्ट मांगी है. प्रशांत पर अगर आरोप सिद्ध हो जाता है तो उसे कम से कम 3 साल जेल में बिताने होंगे.
ट्विटर पर डाला था विवादित पोस्ट
आरोपित प्रशांत कनौजिया ने एक महिला को लेकर ट्विटर पर मुख्यमंत्री को अभद्र टिप्पणी की थी. यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसके बाद हजरतगंज कोतवाली के दारोगा विकास कुमार ने एफआइआर दर्ज कराई थी. मामले की गंभीरता को देखते हुए लखनऊ पुलिस ने आरोपित को नोएडा से गिरफ्तार कर लिया था. गौरतलब है कि कानपुर निवासी एक युवती पांच कालिदास मार्ग गई थी, जिसने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाए थे. इसी प्रकरण को लेकर आरोपित ने सीएम पर टिप्पणी करके सोशल मीडिया पर सनसनी फैला दी थी.
प्रशांत कनौजिया पर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए जाना जाता है. उनकी कई विवादित पोस्ट वायरल हुई हैं. सेना से लेकर कश्मीर पर कई बार विवादित टिप्पणी कर चुके हैं.

सुप्रीम कोर्ट से मिली थी जमानत
9 जून को प्रशांत को लखनऊ जेल में दाखिल किया गया था. आरोपित के पकड़े जाने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया था. प्रशांत की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर आरोपित को जमानत मिली थी. गौरतलब है कि हाल ही में सोशल मीडिया पर सोहराब अली नाम के युवक ने भड़काऊ टिप्पणी की थी, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

तीन साल की सजा का प्रावधान
धारा 67 आइटी एक्ट में तीन साल की सजा का प्रावधान है. आरोपित पर छवि धूमिल करने की एफआइआर भी दर्ज है. कोर्ट में चार्जशीट दाखिल होने के बाद अगर न्यायालय में आरोप सिद्ध हो जाता है तो आरोपित को तीन साल या उससे अधिक की सजा हो सकती है.
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )