लखनऊ: पेशाबकांड पर मचा सियासी बवाल, चंद्रशेखर आजाद बोले- यह दलित विरोधी मानसिकता का नंगा प्रदर्शन है

लखनऊ के काकोरी थाना क्षेत्र से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक दलित बुजुर्ग को मंदिर परिसर में पेशाब चटवाने के लिए मजबूर किया गया। घटना के बाद सियासत गरमा गई है। आम आदमी पार्टी से लेकर भीम आर्मी और समाजवादी पार्टी के नेताओं ने सरकार पर तीखा हमला बोला है।

संजय सिंह बोले 

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद और यूपी प्रभारी संजय सिंह ने मंगलवार देर रात एक्स पर एक वीडियो साझा करते हुए लिखा, ‘BJP राज में दलित होना अपराध बन गया है। पासी समाज के बुजुर्ग से मंदिर में पेशाब चटवाई गई, इंसान के साथ जानवर जैसा व्यवहार किया गया। जाति पूछी, धर्म नहीं।’

चंद्रशेखर आजाद बोले 

भीम आर्मी के प्रमुख और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने भी घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने एक्स पर लिखा, :यह दलित विरोधी मानसिकता का नंगा प्रदर्शन है। योगी सरकार को तुरंत कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।’

पीड़ित से मिले विधायक अमरेश रावत

मोहनलालगंज के पूर्व सांसद कौशल किशोर और विधायक अमरेश रावत ने बुधवार सुबह पीड़ित बुजुर्ग रामपाल से मुलाकात की। कौशल किशोर ने कहा ,’रामपाल हमारे पुराने साथी हैं। जो कुछ हुआ वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और अमानवीय है। पुलिस ने आरोपी पर कड़ी कार्रवाई की है।’ उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लिया है और दोषी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी हो चुकी है।

घटना कैसे हुई?

जानकारी के अनुसार, सोमवार रात बीमार रामपाल (65) मंदिर के सामने से गुजर रहे थे। अचानक तबीयत बिगड़ने पर वे शीतला माता मंदिर की सीढ़ियों पर बैठ गए, तभी उनकी पेशाब छूट गई।यह देखकर मंदिर के सामने ज्वेलरी की दुकान चलाने वाला स्वामीकांत उर्फ पम्मू वहां पहुंचा और बुजुर्ग को गालियां देने लगा। उसने कहा- ‘मंदिर अपवित्र कर दिया, अब इसे चाटकर शुद्ध करो।’ बीमार और डरे हुए रामपाल ने शर्मिंदगी में वैसा ही किया और फिर आरोपी ने उन्हें लात मारकर भगा दिया।

मुझे न्याय चाहिए: पीड़ित रामपाल

रामपाल ने बताया,’ मैं सांस का मरीज हूं, गलती से पेशाब छूट गई थी। उसने गालियां दीं, मुझसे चटवाया और लात मारी। मैं चाहता हूं कि जैसे उसने मुझसे कराया, वैसे ही उससे भी करवाया जाए। तभी न्याय होगा।’ उनके पोते ने बताया कि रामपाल को लंबे समय से सांस और हांफने की तकलीफ रहती है। घटना की जानकारी उन्होंने अगले दिन सुबह दी, जिसके बाद परिजनों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई।

आरोपी गिरफ्तार

एसीपी काकोरी शकील अहमद के मुताबिक,’पीड़ित की तहरीर पर कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ जारी है।’ स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने घटना की निंदा करते हुए प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोहराई न जाएं।

समाज में सनसनी

यह मामला न केवल प्रशासनिक कार्रवाई का मुद्दा बना बल्कि राजनीतिक बहस का भी केंद्र बन गया है। विपक्षी दलों ने सरकार पर दलितों के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों का आरोप लगाया है, जबकि सत्ता पक्ष इसे ‘दुर्भाग्यपूर्ण व्यक्तिगत घटना’ बताकर जिम्मेदारों पर कार्रवाई का आश्वासन दे रहा है।