लखनऊ : कफ सिरप मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस, प्रमुख सचिव संजय प्रसाद, FSDA सचिव रोशन जैकब और डीजीपी राजीव कृष्ण रहे मौजूद

Cough Syrup Case: कफ सिरप प्रकरण पर हुई संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस (Press conference) में प्रमुख सचिव संजय प्रसाद (Sanjay Prasad), FSDA सचिव रोशन जैकब (Roshan Jacob) और डीजीपी राजीव कृष्ण (Rajeev Krishna) ने बताया कि कोडीन युक्त कफ सिरप की अनियमित आपूर्ति को लेकर विशेष जांच टीम (SIT) गठित की जा रही है। रोशन जैकब के मुताबिक अब तक तीन आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है और सोशल मीडिया पर चल रही भ्रामक जानकारियों का खंडन किया गया है।

नशे के रूप में कफ सिरप का इस्तेमाल

डीजीपी राजीव कृष्ण ने स्पष्ट किया कि कोडीन आधारित कफ सिरप का इस्तेमाल उपचार के बजाय नशे के रूप में किया जा रहा है, जो एक गंभीर आपराधिक गतिविधि है। उन्होंने बताया कि पिछले दो महीनों में महत्वपूर्ण सबूत मिले, जिसके आधार पर एफएसडीए ने 28 जिलों में कुल 128 एफआईआर दर्ज की हैं, जिनमें वाराणसी, जौनपुर और कानपुर प्रमुख हैं।

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बड़े सप्लाई नेटवर्क पर कार्रवाई

FSDA सचिव रोशन जैकब ने कहा कि सोशल मीडिया पर कई तथ्यहीन दावे फैलाए जा रहे हैं। जिला पुलिस ने इस पर कार्रवाई भी की है। लगभग 20 दिन पहले सोनभद्र में एक ट्रक में कफ सिरप पकड़ा गया था, और इसी साक्ष्य के आधार पर रांची में भी एक ट्रक से कफ सिरप बरामद हुआ। उन्होंने स्पष्ट किया कि मध्य प्रदेश की घटना और इस कफ सिरप केस का आपस में कोई संबंध नहीं है। असल मुद्दा यह है कि जब न तो कलेक्शन और न ही खरीद का कोई रिकॉर्ड मौजूद है, फिर भी कफ सिरप की खपत हो रही है और बड़े पैमाने पर स्टॉक भी पाया गया है,जिससे साफ होता है कि इसका उपयोग बीमारी के उपचार के लिए नहीं हो रहा।इसी कारण कार्रवाई की गई। सप्लाई के प्रमुख स्रोतों की जांच की गई और इसके बाद उत्तर प्रदेश के 300 विक्रेताओं पर जांच हुई तथा कार्रवाई भी की गई। हमारा उद्देश्य छोटे दुकानदारों पर कार्रवाई करना नहीं था, बल्कि बड़े व्यापारियों की सप्लाई चेन तक पहुंचना था।

फर्जी लाइसेंस और अवैध बिक्री का खुलासा

पिछले दो महीनों में FSDA, पुलिस और STF की संयुक्त कार्रवाई में पाया गया कि कई जिलों में फर्जी या रद्द किए गए लाइसेंसों के नाम पर 1 से 3 लाख बोतलों तक की भारी मात्रा में कोडीन कफ सिरप की अवैध बिक्री की गई। यह स्पष्ट है कि इन औषधियों का उपयोग बीमारी में नहीं बल्कि नशे के तौर पर किया जा रहा था, जो संगठित अपराध की श्रेणी में आता है।

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सब नपेंगे, चाहे नेता हो या कोई भी: डिप्टी CM ब्रजेश पाठक

जौनपुर में डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने मामले को बेहद गंभीर बताते हुए कहा कि बच्चों की मौतों को लेकर सरकार चिंतित है और उच्चस्तरीय जांच जारी है। उन्होंने साफ कहा कि जिन नेताओं या किसी अन्य व्यक्ति के नाम सामने आ रहे हैं, उन सभी की जांच होगी और दोषी पाए जाने पर चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, कार्रवाई निश्चित रूप से की जाएगी।

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