लखनऊ: जर्जर सड़कें ठीक न होने पर विधायकी छोड़ने वाले SP नेता राकेश सिंह का अनशन जारी

उत्तर प्रदेश के अमेठी में गौरीगंज विधानसभा क्षेत्र से विधायक राकेश प्रताप सिंह (Rakesh Pratap Singh) ने खराब सड़कों के मुद्दे पर अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद समाजवादी पार्टी के नेता सिंह आमरण अनशन पर बैठ गए थे। शुक्रवार को उनका आमरण अनशन तीसरे दिन भी जारी रहा। वह अपने क्षेत्र की दो जर्जर सड़कों को फिर से न बनाए जाने से नाराज हैं और राजधानी स्थित जीपीओ पर धरना दे रहे हैं।

विधायक राकेश सिंह ने बताया कि शुक्रवार को प्रशासन की ओर से मेडिकल टीम ने उनका मेडिकल चेकअप किया और सलाह दी कि अनशन तोड़ देना चाहिए, क्योंकि स्वास्थ्य जल्द खराब हो सकता है। सिंह ने कहा कि मैं इस लड़ाई को अंतिम सांस तक लड़ूंगा. क्या एक विधायक के बार-बार आवाज उठाने पर भी एक सड़क निर्माण नहीं हो सकता? योगी सरकार सिर्फ प्रचार में व्यस्त है। आम जनता के मुद्दों से इस सरकार का कोई सरोकार नहीं है। मेरी ताकत मेरे क्षेत्र के लोग हैं। उनके आशीर्वाद और भरोसे से यह लड़ाई अंजाम तक जल्द ही पहुंचेगी।

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बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अपने विधानसभा क्षेत्र में सड़कों का पुनर्निर्माण न कराए जाने से नाराज होकर अमेठी की गौरीगंज सीट से सपा के विधायक राकेश प्रताप सिंह ने रविवार को विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था। उन्होंने अपना त्यागपत्र विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित को सौंपा था। वह लगातार दूसरी बार विधायक बने हैं।

विधायक ने दो अक्टूबर को प्रशासन को ज्ञापन देकर 31 अक्टूबर तक दोनों सड़कों के निर्माण शुरू कराने का अल्टीमेटम दिया था। उन्होंने कहा था कि कार्य शुरू नहीं हुआ तो वह पद से इस्तीफा दे देंगे। विधायक का कहना है कि वह सरकार की कार्यशैली के खिलाफ धरना दे रहे हैं।

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गौरतलब है कि विधानसभा अध्यक्ष को सौंपे गए अपने इस्तीफे में उन्होंने कहा था कि गौरीगंज विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनाए गए दो मार्ग बनते ही पूरी तरह ध्वस्त हो गए थे। इनमें से एक कादू नाला से थौरी मार्ग है, जबकि दूसरा मुसाफिरखाना से पारा मार्ग। इससे इन मार्गो पर आवागमन में कठिनाई होती है। विधानसभा की प्राक्कलन समिति के सदस्य के रूप में वह लगातार तीन वर्षों से इस विषय को उठा रहे हैं। समिति की उप समिति ने पीएमजीएसवाई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी के साथ किए गए स्थलीय निरीक्षण में सड़क निर्माण कार्य को मानक के अनुरूप नहीं पाया।

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