लखनऊ: सआदतगंज के मकान में रह रहा था संदिग्ध आतंकी रिजवान, खुद को बता रहा था आयुर्वेद कंपनी का कर्मचारी

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में सआदतगंज के मोअज्जम नगर में एक डॉक्टर के मकान में आईएसआईएस का संदिग्ध आतंकी मोहम्मद रिजवान अशरफ (Terrorist Mohammad Rizwan Ashraf) किराए पर रह रहा था। वह खुद को आर्युवेद कंपनी का कर्मचारी बता रहा था। एक माह पहले उसने किराए पर मकान लिया था, लेकिन रहने लिए वह आठ दिन पहले ही आया था। उसकी गतिविधियां भी संदिग्ध थीं। वहीं, आतंकी रिजवान की गिरफ्तारी के बाद मंगलवार को पुलिस ने मकान मालिक डॉक्टर जियाउल हसन से कई घंटे पूछताछ कर जानकारी ली।

गिरफ्तार तीन आतंकियों में से एक है रिजवान 

पूछताछ में मकान मालिक की बड़ी लापरवाही सामने आई है। उन्होंने मोहम्मद रिजवान अशरफ का पुलिस सत्यापन नहीं कराया था। दरअसल, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने रविवार को आईएसआईएस से जुड़े तीन संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया था। इनमें मोहम्मद रिजवान अशरफ भी शामिल था। मंगलवार को उसके किराए के मकान की तस्दीक हो गई जहां से उसकी गिरफ्तारी की गई।

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रिजवान सआदतगंज के मोअज्जम नगर में डॉक्टर जियाउल हसन के मकान में किराए पर रह रहा था। जियाउल हसन ने बताया कि करीब एक महीने पहले उसने मकान की पहली मंजिल का पोर्सन किराए पर लिया था। रिजवान ने जियाउल को बताया था कि वह आयुर्वेद कंपनी में काम करता है। कंपनी ने उसको ट्रांसफर लखनऊ कर दिया है। इसलिए वह यहां रहने आया है। उसके साथ उसकी पत्नी व तीन बच्चे भी थे।

तीन माह का दिया था किराया

जानकारी के अनुसार, जियाउल हसन आईआईएम रोड पर घैला में रहते हैं। उन्होंने मोअज्जम नगर के मकान को किराए पर दे रखा है। मकान में एक पोर्सन खाली था तो उन्होने उसका ओएलएक्स पर विज्ञापन दे रखा था। जियाउल का दावा है कि एक माह पहले उसी से नंबर प्राप्त कर रिजवान ने उनसे संपर्क किया था।

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यही नहीं, रिजवान ने 7800 रुपये प्रति महीने के हिसाब से किराया फाइनल हुआ था। एक महीने का किराया ऑनलाइन ट्रांसफर किया था जबकि दो महीने का एडवासं किराया नकद दिया था। जियाउल हक से पुलिस ने लंबी पूछताछ की। इस दौरान उन्होंने एक रेंट एग्रीमेंट पुलिस को दिया। जिसमें रिजवान के दस्तावेज थे।

ऑनलाइन ऑर्डर करता था खाना

इस मकान की पहली मंजिल पर रहने वाले एक अन्य किराएदार ने बताया कि जब से रिजवान रहने आया था कि तब से वह घर के भीतर ही रहता था। एक दो बार कुछ समय के लिए बाहर जाता था। खाना भी अधिकतर ऑनलाइन ऑर्डर करता था। न किसी से कोई बातचीत न कोई मेलजोल। जब लोगों को उसके संदिग्ध आतंकी होने की जानकारी मिली तो वह हैरान रह गए। फिलहाल, मामले की जांच जारी है।

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