पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी को जेल से रिहा करने के आदेश, मधुमिता हत्याकांड में मिली थी उम्रकैद की सजा

Madhumita Shukla murder case: कवियत्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व मंत्री अमर मणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधु मणि त्रिपाठी की रिहाई का आदेश जारी कर दिया गया है. दोनों की समय से पूर्व रिहाई संविधान की धारा 161 के तहत होगी. राज्यपाल की अनुमति पर कारागार प्रशासन एवं सुधार विभाग ने इसका आदेश जारी किया है. कहा जा रहा है कि जेल में दोनों के अच्छे आचरण की वजह से उनकी समय से पूर्व रिहाई हो रही है.

उधर, मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला का कहना है कि वो  इस मामले में पहले ही सुप्रीम कोर्ट जा चुकी और सुप्रीम कोर्ट में 25 अगस्त को सुनवाई भी है. निधि शुक्ला ने इस बारे में राष्ट्रपति और राज्यपाल को चिट्ठी भी लिखी है.

जेल में अच्छे आचरण के आधार पर रिहाई

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने जेल में अच्छा आचरण करनेवाले कैदियों की रिहाई पर विचार करने की सलाह सरकार को दी थी. जिसके बाद अमरमणि त्रिफाठी ने भी अपनी रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इस याचिका के आधार पर 10 फरवरी 2023 को रिहाई का आदेश दिया गया था, लेकिन इस आदेश का पालन नहीं होने के बाद अवमानना की याचिका दाखिल की गई और अंतत: 18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने रिहाई का आदेश पारित किया. जेल में अच्छे आचरण के आधार पर रिहाई का आदेश पारित किया गया.

9 मई 2003 को हुई थी मधुमिता की हत्या

कवयित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में अमरमणि त्रिपाठी को उम्रकैद की सजा मिली थी. लखीमपुर की रहनेवाली मधुमिता अमरमणि के संपर्क में आईं और उनका रिश्ता प्रेम में बदल दिया. इस बीच मधुमिता गर्भवति हो गईं और उनपर गर्भपात का दबाव बढ़ा, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया. इस बीच 9 मई 2003 को 7 महीने की गर्भवती मधुमिता की गोली मारकर हत्या कर दी गई.

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