उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद (Ghaziabad) जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां एक मजिस्ट्रेट (Magistrate) ने खुद के ऊपर 10 हजार रूपये का जुर्माना लगाया है. इतना ही नहीं उन्होंने अन्य कर्मचारियों पर भी 10 हजार का जुर्माना भरने को कहा है. बता दें इन मजिस्ट्रेट का नाम अजय शंकर पांडेय है.
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दरअसल, उन्होंने ये जुर्माना पानी की बर्बादी को लेकर लगाया है. उनके पर्सनल असिस्टेंट गौरव सिंह ने बताया कि कलेक्ट्रेट बिल्डिंग के वाटर टैंक से बहते पानी को देखने के बाद उन्होंने ये सख्त फैसला लिया गया. जिला मजिस्ट्रेट संजय पांडे ने कलेक्ट्रोरेट स्टाफ और सभी अधिकारियों को चेतावनी दी है कि भविष्य में पानी की बर्बादी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि जल संरक्षण देश की पहली जरूरत है.
वहीं, पर्सनल असिस्टेंट ने बताया कि जब जिला मजिस्ट्रेट ऑफिस पहुंचे तो उन्होंने वाटर टैंक के ओवरफ्लो होने के चलते उससे बाहर गिरते पानी की आवाज सुनी. ये जगह उनके रिटाइरिंग रूम के पीछे ही थी. टैंक से पानी ओवरफ्लो के लिए पूरे स्टाफ को दोषी ठहराया गया है. साथ ही 10 हजार रुपये के जुर्माने का भुगतान स्टाफ के सभी कर्मचारी आपस में अपना-अपना हिस्सा अदा करके करेंगे.
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