लखनऊ: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में भव्य और दिव्य महाकुंभ 2025 का आयोजन हुआ। योगी आदित्यनाथ सरकार इस आयोजन को जनता के बीच बड़े स्तर पर प्रचारित कर रही है। विभिन्न कार्यक्रमों में सीएम योगी इस आयोजन की सफलता का जिक्र करते नजर आ रहे हैं। यूपी विधानसभा चुनाव 2027 से पहले इसे सनातन समाज के बीच प्रमुख रूप से प्रचारित किया जा रहा है।
वहीं, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव लगातार इस आयोजन की कमियों को उजागर कर रहे हैं। अब उन्होंने सीएम योगी के एक बयान पर निशाना साधा है। दरअसल, प्रयागराज में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को लेकर सीएम योगी ने महाकुंभ से हुए लाभ पर टिप्पणी की थी, जिस पर अखिलेश यादव ने रोजगार वैकेंसी जारी न होने को लेकर तंज कसा है।
सीएम योगी का महाकुंभ पर बयान
सीएम योगी आदित्यनाथ एक मीडिया चैनल के कार्यक्रम में शामिल हुए थे, जहां उनसे महाकुंभ के आयोजन पर सवाल किया गया। इस पर उन्होंने कहा कि 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई। उन्होंने दावा किया कि महाकुंभ ने बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार के अवसर दिए और यह आयोजन धार्मिक ही नहीं, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी सफल रहा।
सीएम योगी ने यह भी कहा कि प्रयागराज में करीब 4 लाख युवा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। मुस्कुराते हुए उन्होंने कहा, “महाकुंभ के दौरान इन युवाओं ने अपनी बाइक का खर्चा निकाल लिया होगा।”
अखिलेश यादव का पलटवार
अखिलेश यादव ने सीएम योगी के इस बयान पर कड़ा पलटवार किया। सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा,
“जो युवा प्रयागराज में सरकारी नौकरी की उम्मीद लेकर आए थे, उनके लिए तो वैकेंसी निकली नहीं, लेकिन उनकी बाइक की सीट की वैकेंसी जरूर निकल गई। इसे उपलब्धि मानना कहां की बुद्धिमानी है? वैसे, पर्सनल बाइक का कमर्शियल इस्तेमाल कैसे हुआ?”
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दरअसल, महाकुंभ के दौरान कई युवा तीर्थयात्रियों को संगम घाट तक पहुंचाने के लिए अपनी बाइक का इस्तेमाल कर रहे थे और इसके बदले किराया वसूल रहे थे। सीएम योगी इसी की ओर इशारा कर रहे थे, लेकिन अब अखिलेश यादव ने इस पर सवाल उठाया है कि सरकार ने जानते हुए भी पर्सनल बाइक्स का कमर्शियल इस्तेमाल कैसे होने दिया?
इस बयानबाजी के बाद महाकुंभ और रोजगार के मुद्दे पर राजनीति गर्माने की संभावना है। भाजपा इसे आर्थिक अवसरों का विस्तार बता रही है, जबकि समाजवादी पार्टी इसे सरकारी भर्तियों में देरी का मुद्दा बना रही है। ऐसे में यह बहस आने वाले दिनों में और तेज हो सकती है।