उत्तर प्रदेश के महोबा (Mahoba) में कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत और भ्रष्टाचार के मामले में एक साल से फरार चल रहे आईपीएस मणिलाल पाटीदार (IPS Manilal Patidar) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। योगी सरकार (Yogi Government) उन्हें बर्खास्त कर सकती है। शासन ने इस संबंध में रिपोर्ट मांगी हैं। फरार चल रहे आईपीएस मणिलाल पाटीदार पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित है। उनके खिलाफ चल रही विजिलेंस जांच में मणिलाल पाटीदार दोषी पाए गए हैं।
जानकारी के अनुसार, महोबा के क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी ने 8 सितंबर 2020 को अपनी कार में खुद को गोली मार ली थी। अस्पताल में इलाज के दौरान 13 सितंबर को उनकी मौत हो गई। खुद को गोली मारने से पहले इंद्रकांत ने एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी, जिसमें उन्होंने आईपीएस मणिलाल पाटीदार पर गंभीर आरोप लगाए थे।
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इंद्रकांत के मुताबिक, मणिलाल पाटीदार उनसे 6 लाख रुपये महीना रंगदारी मांग रहे थे। पैसा नहीं देने पर छापे मारकर और मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की धमकी दी जा रही थी। इसी वीडियो के आधार पर शासन ने फरार आईपीएस मणिलाल पाटीदार के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू की है। पूरे मामले में जांच मेरठ आईजी प्रवीण कुमार को दी गई है। बताया जा रहा है कि जांच पूरी कर ली गई है और इसे शासन को भेजा जाएगा।
बता दें कि इस मामले में शासन के सख्त रवैये के बाद ही मृतक के भाई रविकांत त्रिपाठी की तहरीर पर आईपीएस मणिपाल पाटीदार, एसओ समेत चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में एसआईअी से जांच कराई गई, जिसके बाद सिपाही अरुण कुमार यादव का नाम बढ़ाया गया। मणिलाल पाटीदार अभी तक फरार हैं और उनपर एक लाख रुपये का ईनाम घोषित है।
यही नहीं, फरार आईपीएस मणिलाल पाटीदार के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में विजिलेंस की कानपुर यूनिट जांच कर रही है। इस मामले में चूंकि अभी तक आरोपी के बयान नहीं हो सके हैं इसलिए जांच अभी अधर में लटकी हुई है।