फर्रुखाबाद में सुप्रसिद्ध लोक गायिका मालिनी अवस्थी के लोक गीत जब मेला रामनगरिया के सांस्कूृतिक मंच पर गूंजे तो श्रोता झूम उठे।कार्यक्रम के दौरान लोक गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने अपने लोक संवाद में बताया सरकार वर्तमान समय में लुप्त होती लोककलाओं को संरक्षण दे रही है। उन्होंने कहा कला ही समाज का जीवन है जब कला ही नहीं होगी तो संस्कार एवं समाज का सांस्कृतिक जीवन ही समाप्त हो जायेगा।
बोले – कलाओं को देना चाहिए बढ़ावा
जानकारी के मुताबिक, फर्रुखाबाद के मेला रामनगरिया के सांस्कृतिक पांडाल में आयोजित कार्यक्रम में उन्होने कहा कोरोना महामारी के समय संस्कार भारती के कला साधकों ने वर्चुअल कार्यक्रम देकर निर्धन कलाकारों को आर्थिक सहायता की लोक कलाओं को जीवित रखना उनको संरक्षित रखना समाज एवं सरकार दोनों के सहयोग की आवश्यकता है। वर्तमान समय में भारतीय कलाओं के समक्ष अनेक चुनौतियों का सामना करते हुये हमें अपनी भारतीय लोक कलाओं एवं संस्कृति को बढ़ावा देना है।
आगे उन्होंने कहा कि मैं अपनी धरती और अपनी माटी का धर्म निभाते हुए लोक जीवन को संरक्षित में जुटी हुयी हूँ। वर्तमान समय में शादी-विवाह उत्सव में गीतों का प्रभाव समाप्त सा हो गया है। अगर है तो वहां कुछ ही कला साधक अपनी कलाओं के माध्यम से से संरक्षित एवं प्रोत्साहन दे रहे हैं। संस्कार भारती मेरी पारवारिक संस्था है, मैं सम्पूर्ण देश में कला साधकों के साथ कला उत्सव, मेला दशहरा, लोक उत्सव में कलाओं को बचाने का कार्य कर रही हूँ।
कार्यक्रम में ये लोग रहे मौजूद
उन्होंने संगीत साथ लोक गायन, कन्नौजी बुन्देलखण्डी भोजपुरी ब्रजभाषा के लोक जीवन के कल्पवासियों में एक नई उर्जा एवं लोक जीवन का संगीत प्रवाहित कर दिया। इस कार्यक्रम में डीएम संजय कुमार सिंह, एसपी अशोक कुमार मीणा, मेला सचिव सिटी मजिस्ट्रेट दीपाली भार्गव व मेला व्यवस्थापक संदीप दीक्षित, जिला कार्यक्रम अधिकारी भारत प्रसाद, सीओ अमृतपुर अजेय शर्मा आदि प्रमुख रूप से रहे।
इनपुट – अभिषेक गुप्ता
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