उत्तर प्रदेश में मिर्जापुर जिले में तैनात एक सिपाही पर लखनऊ में रहने वाले एक व्यक्ति ने धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। दरअसल, सिपाही ने युवक से बाल विकास पुष्टाहार विभाग में परियोजना अधिकारी के पद पर भर्ती कराने का झांसा देकर नौ लाख रुपये ऐंठे थे। जब अब सिपाही टाल मटोल करने लगा तो व्यक्ति ने तंग आकर डीजीपी से मामले की शिकायत की गई। अब सिपाही के खिलाफ लखनऊ में ही मुकदमा दर्ज की गई है।
ये है मामला
हिंदुस्तान अखबार की खबर के मुताबिक, लखनऊ के मड़ियांव कृष्णा कॉलोनी निवासी अमित राय नौकरी की तलाश में थे। अमित की मुलाकात महानगर रेडियो मुख्यालय में तैनात प्रमोद मिश्रा से हुई थी। बातचीत के दौरान उन्होंने प्रमोद के सामने नौकरी की बात छेड़ दी। इस पर सिपाही ने बताया कि बाल विकास पुष्टाहार में परियोजना अधिकारी के पद पर भर्ती निकलने वाली है। जिसमें वह नियुक्ति करा सकता है।
जिसके बाद अमित ने सिपाही के कहे मुताबिक उसे 12 लाख रुपये दिए थे। अमित के मुताबिक वह रुपये देने के लिए कई बार प्रमोद के घर भी गए थे। जहां उनकी मुलाकात सिपाही की पत्नी मीनाक्षी और बेटे से हुई थी। उन्होंने भी प्रमोद के कई अधिकारियों से संबंध होने का भरोसा दिलाते हुए जल्द नौकरी मिलने का दावा किया था।
कौशांबी में खुला मामला
जिसके बाद जुलाई 2020 में प्रमोद ने उसे नियुक्ति पत्र दिया था। जिसमें कौशांबी जिले में तैनाती मिलने की बात लिखी थी। अमित नियुक्ति पत्र लेकर कौशांबी गए थे। जहां उन्हें प्रमोद मिश्रा की रची साजिश का पता चला। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अमित को मिला नियुक्ति पत्र जाली है। लखनऊ लौटने के बाद अमित ने सिपाही पर रुपये लौटाने का दबाव बनाया। काफी प्रयास के बाद प्रमोद ने तीन लाख रुपये वापस कर दिए। वहीं, बचे हुए नौ लाख देने में आनाकानी करने लगा। लगातार दबाव बनते देख सिपाही ने अपना तबादला मिर्जापुर पीएसी में करा लिया। उसने अमित का फोन उठाना भी बंद कर दिया। परेशान होकर अमित ने सिपाही की शिकायत डीजीपी से की थी। जिसके बाद अब सिपाही के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
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