यूपी के प्रयागराज जिले के कई पुलिसकर्मियों पर अब सख्त कार्रवाई हो सकती है. दरअसल, कुछ समय पहले भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित किये गए एसएसपी के खिलाफ विजिलेंस ने केस दर्ज करने की अनुमति मांगी है. अगर शासन की तरफ से ये अनुमति दे दी गयी तो जांच के दायरे में वह पुलिसकर्मी भी होंगे जिन्होंने पूर्व एसएसपी को लाभ पहुंचाया या उनसे लाभान्वित हुए. इनमें से कुछ पुलिसकर्मी ऐसे हैं जो अभी भी जनपद में तैनात हैं तो कुछ के गैर जनपद तबादले हो चुके हैं.
इन पुलिसकर्मियों पर हो सकती कार्रवाई
जानकारी के मुताबिक, प्रयागराज में तैनाती के दौरान अभिषेक दीक्षित पर थानों में ट्रांसफर पोस्टिंग के नाम पर भ्रष्टाचार करने, शासन के निर्देशों का पालन न करने और पुलिस मुख्यालय के निर्देशों को अनदेखा करने जैसे गंभीर आरोप लगे थे. सूत्रों की माने तो विभागीय जांच में भी अभिषेक दीक्षित पर लगे आरोप सही पाए गये हैं. बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को अंजाम देकर संपत्तियों अर्जित करने के पुख्ता सुबूत हाथ लगने के बाद उनके खिलाफ अब एफआईआर दर्ज करने की अनुमति मांगी गयी है.
जानकारों का कहना है कि मुकदमा हुआ तो न सिर्फ पूर्व एसएसपी बल्कि उनके मददगारों की मुश्किलें बढ़नी भी तय है. यह वह पुलिसकर्मी हैं जो लगातार शिकायतों के बाद भी मलाईदार तैनाती पाते रहे. इसके अलावा जांच के दायरे में वह इंस्पेक्टर या दरोगा भी होंगे, जो निर्धारित मानक पूरा न करने के बावजूद थानों में बतौर प्रभारी तैनात हुए.
तैनाती के तुरंत बाद आये थे सुर्ख़ियों में
बता दें कि तैनाती के बाद ट्रांसफर-पोस्टिंग की पहली ही लिस्ट से पूर्व एसएसपी अभिषेक रडार पर आ गए थे. चौकी प्रभारियों की इस सूची में लगभग 50 नाम थे लेकिन इनमें से कई ऐसे थे जो दागी होते हुए भी मलाईदार चौकियों में तैनात कर दिए गए थे. इसके बाद 27 इंस्पेक्टरों व 10 सब इंस्पेक्टरों की सूची जारी हुई और इसे लेकर भी कई सवाल उठे थे.
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