आज से ठीक 6 साल पहले यानी कि 2 जून 2016 में मथुरा के जवाहर बाग में हिंसा की एक ऐसी आग भड़की थी कि इसमें दो पुलिस अफसरों समेत करीब दो दर्जन लोगों ने अपनी जान गंवाई थी. इसी हिंसा में शहीद हुए तत्कालीन एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और एसओ संतोष यादव की आज छठी पुण्यतिथि है. जिसके चलते हर साल आज ही के दिन मुकुल द्विवेदी की पत्नी अर्चना द्विवेदी जवाहर बाग पहुंचकर अपने शहीद पति को नमन करती हैं. हर साल की तरह आज भी जब वो वहां पहुंची तो उन्होने मीडिया से बात करते हुए अपने पति की प्रतिमा को लेकर प्रशासन से सवाल किया.
शहीद एसपी सिटी की पत्नी ने लगाए आरोप
जानकारी के मुताबिक, जवाहर बाग हिंसा में शहीद हुए एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी की पत्नी अर्चना द्विवेदी आज अपने दिवंगत पति को श्रद्धांजलि देने पहुंची थी. इस दौरान उन्होनें कहा कि उनके पति की शहादत का सम्मान आज तक नहीं मिला है. उन्होंने प्रदेश सरकार पर शहीदों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि मेरे शहीद पति की आज तक प्रतिमा नहीं लगाई गई है और न ही सीबीआई जांच आगे बढ़ी है.
मुझे तो नहीं लगता कि सीबीआई जांच भी आगे बढ़ पाई है. मैं खुद सीबीआई के लोगों से दो बार मिली हूं लेकिन उन्होंने आज तक कोई संतुष्टि पूर्ण जवाब नहीं दिया, बस यह कह कर मामला टाल देते हैं कि अभी जांच चल रही है. उनका कहना है कि आज तक इस मामले के आरोपियों को सजा नहीं मिली है. उन्होंने कहा कि उन्हें इस सरकार से न्याय की उम्मीद कम है.
ये था मामला
गौरतलब है कि, मार्च 2014 में मध्य प्रदेश के सागर जिले से दिल्ली के लिए एक-डेढ़ हजार लोगों के साथ निकले स्वाधीन भारत विधिक सत्याग्रह संगठन का स्वयूं अध्यक्ष रामवृक्ष यादव ने जवाहर बाग में दो दिन ठहरने की अनुमति प्रशासन से ली. इसके बाद वह यहां से नहीं गया. अपनी समांतर सत्ता स्थापित कर ली तो मामला कोर्ट पहुंचा. कोर्ट ने जवाहर बाग को खाली करने के आदेश दिए. 2 जून 2016 को तत्कालीन एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी पुलिस के साथ रामवृक्ष यादव को समझाने गए थे. रामवृक्ष यादव और उसके आदमियों ने उनके ऊपर हमला कर दिया.

एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और तत्कालीन एसओ फरह संतोष कुमार यादव की कब्जाधारियों ने जान ले ली. इस हिंसा में 27 कब्जाधारी भी मारे गए. इनमें एक शव को रामवृक्ष यादव का भी बताया गया. हिंसा के मुकदमें में 102 लोगों को आरोपित बनाया गया. इससे पहले कब्जाधारियों के खिलाफ 29 मुकदमें थाना सदर बाजार में दर्ज हुए थे. हाईकोर्ट के आदेश पर 20 मई 2017 को इस मामले की जांच सीबीआइ सौंपी गई.
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