सपा-बसपा गठंधन मुस्लिम सियासत को खत्म करने की एक बड़ी साजिश’

लोकसभा चुनाव 2019 में सपा-बसपा गठबंधन को लेकर को राष्ट्रीय ओलमा कौंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी ने मुसलमानों के लिए ठगबंधन करार दिया. मंगलवार को हुसैनगंज स्थित संगठन कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने सपा-बसपा के गठबंधन को मुस्लिम राजनैतिक नेतृत्व को समाप्त कर उनको गुलाम बनाने की साजिश बताया. कहा कि अगर सपा-बसपा को मुसलमानों का वोट चाहिए तो उन्हें हिस्सेदारी दें. उन्होंने सपा-बसपा गठंधन को मुस्लिम सियासत को खत्म करने की साजिश करार दिया है.


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सपा-बसपा गठबंधन मुसलमानों के लिए ठगबंधन : आमिर रशादी

आमिर रशादी ने कहा कि सेक्युलरिज्म के नाम पर बने इस गठबंधन में सबसे ज्यादा अगर कोई खुद को ठगा महसूस कर रहा है तो वह मुसलमान हैं. क्योंकि दशकों से मुस्लिम समाज ने सपा-बसपा को वोट देकर सेक्युलरिज्म की बुनियाद को मजबूत किया, लेकिन इस गठबंधन से मुस्लिम दलों को दूर रखना न केवल सपा-बसपा उनके प्रति राजनैतिक दुर्भावना जाहिर कर रही है, बल्कि सामाजिक न्याय के मूल्यों के भी खिलाफ है. सात फ़ीसदी यादव समाज के नेता अखिलेश व 11 फीसद जाटव समाज की नेता मायावती आपस में 38-38 सीटों का बंटवारा कर रहीं हैं, लेकिन 22 फीसद मुस्लिम नेताओं को शून्य हिस्सेदारी देकर मुफ्त में सिर्फ भाजपा का डर दिखाकर समाज का वोट लेना चाहती हैं.


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मौलाना रशादी ने कहा कि इस गठबंधन में मुसलमानों को कोई जगह नहीं मिली. जबकि, बिना गठबंधन के दो सीट कांग्रेस और दो सीट 1.5 फ़ीसदी वोट बेस वाले अन्य दल के लिए छोड़ दी गई है. जबकि, इस हिसाब से मुस्लिम नेतृत्व वाले दल के लिए 16 सीटें बनती हैं. पर उनके लिए दो सीट भी नहीं छोड़ी गईं.


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