उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) जनपद में एसएसपी ने कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) वाले मार्ग पर स्थित ठेले वालों, ढाबों और होटलों पर प्रोपराइटर व संचालकों के नाम लिखने के आदेश दिए हैं। साथ ही पुलिस ने हाईवे व नगर में आदेशों का पालन कराना भी शुरू कर दिया है, जिसके बाद यूपी ही नहीं पूरे देश में बहस शुरू हो गई है। अखिलेश यादव के बाद अब बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने इस मामले में प्रतिक्रिया दी है।
मायावती बोलीं- जनहित में सरकार इसे तुरंत वापस ले
बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने एक्स पर पोस्ट कर कहा है कि पश्चिमी यूपी व मुजफ्फरनगर जिला के कांवड़ यात्रा रूट में पड़ने वाले सभी होटल, ढाबा, ठेला आदि के दुकानदारों को मालिक का पूरा नाम प्रमुखता से प्रदर्शित करने का नया सरकारी आदेश यह गलत परम्परा है जो सौहार्दपूर्ण वातावरण को बिगाड़ सकता है। जनहित में सरकार इसे तुरन्त वापस ले।
1. पश्चिमी यूपी व मुजफ्फरनगर जिला के कांवड़ यात्रा रूट में पड़ने वाले सभी होटल, ढाबा, ठेला आदि के दुकानदारों को मालिक का पूरा नाम प्रमुखता से प्रदर्शित करने का नया सरकारी आदेश यह गलत परम्परा है जो सौहार्दपूर्ण वातावरण को बिगाड़ सकता है। जनहित में सरकार इसे तुरन्त वापस ले। 1/2
— Mayawati (@Mayawati) July 18, 2024
वहीं, इससे पहले सपा चीफ अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि और जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा? माननीय न्यायालय स्वत: संज्ञान ले और ऐसे प्रशासन के पीछे के शासन तक की मंशा की जाँच करवाकर, उचित दंडात्मक कार्रवाई करे। ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, जो सौहार्द के शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाड़ना चाहते हैं।
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मुजफ्फरनगर पुलिस ने एक्स पर किया पोस्ट
बता दें कि मुजफ्फरनगर पुलिस ने एक्स पर पोस्ट कर कहा है कि श्रावण कांवड़ यात्रा के दौरान समीपवर्ती राज्यों से पश्चिमी उत्तर प्रदेश होते हुए भारी संख्या में काँवड़िये हरिद्वार से जल उठाकर मुजफ्फरनगर जनपद से होकर गुजरते हैं। श्रावण के पवित्र माह में कई लोग खासकर कॉवड़िये अपने खानपान में कुछ खाद्य सामग्री से परहेज करते हैं। पूर्व मे ऐसे दृष्टान्त प्रकाश में आये हैं जहां कांवड़ मार्ग पर हर प्रकार की खाद्य सामग्री बेचने वाले कुछ दुकानदारों द्वारा अपनी दुकानों के नाम इस प्रकार से रखे गए जिससे कांवड़ियों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न होकर कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हुई।
इस प्रकार की पुनरावृत्ति रोकने एवं श्रद्धालुओं की आस्था के दृष्टिगत कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाले होटल, ढाबे एवं खानपान की सामग्री बेचने वाले दुकानदारों से अनुरोध किया गया है कि वे स्वेच्छा से अपने मालिक और काम करने वालों का नाम प्रदर्शित करे। इस आदेश का आशय किसी प्रकार का धार्मिक विभेद ना होकर सिर्फ मुजफ्फरनगर जनपद से गुजरने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा, आरोप प्रत्यारोप एवं कानून व्यवस्था की स्थिति को बचाना है। यह व्यवस्था पूर्व में भी प्रचलित रही है।
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