बहुजन समाजवादी पार्टी (बीएसपी) प्रमुख मायावती ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के न्यूनतम आय की गारंटी वाले बयान पर निशाना साधा है. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष के बयान पर सवाल खड़ा करते हुए इंदिरा गाँधी सरकार की याद दिलाते हुए पूछा कि “गरीबी हटाओ वाले नारे का क्या हुआ?”
बसपा प्रमुख ने कहा, चुनावी वादे और घोषणा-पत्र पर तो लोगों को बिल्कुल भी भरोसा नहीं रहा है. इस संबंध में कुछ फैसले अगर लागू भी हुए तो वे केवल दिखावटी ही साबित हुए हैं, जो जग-जाहिर है. कांग्रेस पार्टी की तरफ से लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इस लुभावनी घोषणा से पूरा देश आशंकित है कि ‘सत्ता में आए तो देश में गरीबी और भूखमरी का अंत करने के लिए न्यूनतम आय की गारंटी सुनिश्चित करेंगे’.
मायावती ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के प्रमुख को ऐसी कोई भी घोषणा व ऐसा कोई भी वायदा देश की जनता से करने के पहले जनहित, जनकल्याण व गरीबी उन्मूलन की उन योजनाओं को कांग्रेस शासित राज्यों में से खासकर राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ में सही से लागू करके दिखाना चाहिए था.
आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने छत्तीसगढ़ में एक रैली के दौरान कहा कि 2019 का आम चुनाव जीतने के बाद उनकी पार्टी एक ऐसा फैसला करेगी जो अभी तक देश में किसी भी सरकार ने नहीं किया है. राहुल ने छत्तीसगढ़ के अटल नगर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान वादों के नए पुल बंधे. राहुल ने कहा कि, अगर उनकी सरकार सत्ता में आई तो वह गरीब समुदाय से जुड़े हर लोगों को एक नियत आमदनी का इंतजाम करेंगे. उन्होंने कहा ऐसा कदम देश छोड़ अभी तक दुनिया की किसी भी सरकार या पार्टी ने नहीं उठाया है.
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