साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा पसमांदा मुसलमानों (Pasmanda Muslims) को साधने में जुट गई है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भोपाल में एक कार्यक्रम के दौरान पसमांदा मुस्लिमों को लेकर यूनिफॉर्म सिविल कोड का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक दल अपने फायदे के लिए मुस्लिम भाई बहनों को भड़का रहे हैं। पीएम मोदी के इस बयान पर बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने उन्हें सलाह दी है।
मायावती ने ट्वीट कर कही ये बात
बसपा चीफ मायावती ने कहा यदि वह ऐसा मानते हैं तो बीजेपी को इनको मिलने वाले आरक्षण का विरोध भी बंद कर देना चाहिए। मायावती ने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए कहा कि पीएम मोदी द्वारा भोपाल में बीजेपी के कार्यक्रम में सार्वजनिक तौर पर यह कहना कि भारत में रहने वाले 80 प्रतिशत मुसलमान “पसमांदा, पिछड़े, शोषित” हैं, यह उस कड़वी जमीनी हकीकत को स्वीकार करना है जिससे उन मुस्लिमों के जीवन सुधार हेतु आरक्षण की जरूरत को समर्थन मिलता है।
2. अतः अब ऐसे हालात में बीजेपी को पिछड़े मुस्लिमों को आरक्षण मिलने का विरोध भी बंद कर देने के साथ ही इनकी सभी सरकारों को भी अपने यहाँ आरक्षण को ईमानदारी से लागू करके तथा बैकलॉग की भर्ती को पूरी करके यह साबित करना चाहिए कि वे इन मामलों में अन्य पार्टियों से अलग हैं।
— Mayawati (@Mayawati) June 30, 2023
उन्होंने कहा कि अब ऐसे हालात में बीजेपी को पिछड़े मुस्लिमों को आरक्षण मिलने का विरोध भी बंद कर देने के साथ ही इनकी सभी सरकारों को भी अपने यहां आरक्षण को ईमानदारी से लागू करते हुए बैकलॉग की भर्ती को पूरी करके यह साबित करना चाहिए कि वे इन मामलों में अन्य पार्टियों से अलग हैं।
भोपाल में पीएम मोदी ने क्या कहा
दरअसल, भोपाल में मेरा देश सबसे मजबूत कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा था कि भारत के मुसलमान भाई बहनों को ये समझना होगा कि कौन से राजनीतिक दल उनको भड़का कर उनका राजनीतिक फायदा ले रहे हैं। हम देख रहे हैं कि यूनिफॉर्म सिविल कोड के नाम पर ऐसे लोगों को भड़काने का काम हो रहा है।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बार बार कहा है कि ‘कॉमन सिविल कोड’ लाओ लेकिन ये वोटबैंक के भूखे लोग…वोट बैंक की राजनीति करने वालों ने पसमांदा मुसलमानों का शोषण किया है लेकिन उनकी कभी चर्चा नहीं हुई। उन्हें आज भी बराबरी का हक़ नहीं मिलता।
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