उत्तर प्रदेश के रायबरेली से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) भारत जोड़ो यात्रा के बाद अब भारत डोजो यात्रा (Bharat Dojo Yatra) शुरू करने जा रहे हैं। वहीं, बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने राहुल गांधी की भारत डोजो यात्रा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बसपा सुप्रीमो का कहना है कि खेल का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। यह खतरनाक होगा।
मायावती ने एक्स पर पोस्ट कर कही ये बात
बसपा चीफ मायावती ने शुक्रवार को एक्स पर पोस्ट कर कहा कि पेट भरे लोगों के लिए दोजा व अन्य खेलकूद के महत्व से किसी को इंकार नहीं, लेकिन गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई व पिछड़ेपन आदि के त्रस्त जीवन से जूझ रहे उन करोड़ों परिवारों का क्या जो पेट पालने हेतु दिन-रात कमरतोड़ मेहनत को मजबूर हैं। ‘भारत डोजो यात्रा’ क्या उनका उपहास नहीं?
1. पेट भरे लोगों के लिए दोजा व अन्य खेलकूद के महत्व से किसी को इंकार नहीं, लेकिन गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई व पिछड़ेपन आदि के त्रस्त जीवन से जूझ रहे उन करोड़ों परिवारों का क्या जो पेट पालने हेतु दिन-रात कमरतोड़ मेहनत को मजबूर हैं। ’भारत डोजो यात्रा’ क्या उनका उपहास नहीं? 1/3
— Mayawati (@Mayawati) August 30, 2024
उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकारें देश के करोड़ों गरीबों व मेहनतकश लोगों को सही व सम्मानपूर्वक रोटी-रोजी की व्यवस्था कर पाने में अपनी विफलता पर पर्दा डालने के लिए उनसे भूखे पेट भजन कराते रहना चाहती है, किन्तु विपक्षी कांग्रेस का भी वैसा ही जनविरोधी रवैया जनता को कैसे गवारा संभव है?
मायावती ने कहा कि कांग्रेस एवं इनके इण्डी गठबंधन ने आरक्षण व संविधान बचाने के नाम पर एससी, एसटी व ओबीसी का वोट लेकर अपनी ताकत तो बढ़ा ली, किन्तु अपना वक्त निकल जाने पर उनके भूख व तड़प को भुलाकर उनके प्रति यह क्रूर रवैया अपनाना क्या उचित? खेल का राजनीतिकरण हानिकारक जो अब और नहीं।
क्या है डोजो
डोजो एक तरह के मार्शल आर्ट सिखाने की जगह है। यह ऐसी जगह होती है, जहां लोग जूडो-कराटे या किसी दूसरे मार्शल आर्ट की प्रैक्टिस कर सकते हैं। जापानी भाषा में इसे ‘जाने का रास्ता’ कहते हैं। सबसे शुरुआती डोजो बौद्ध मंदिरों के अंदर बने होते थे। जहां गहन प्रशिक्षण होता था। इसमें केंडो की मार्शल आर्ट के साथ-साथ मेडिटशन भी शामिल था।