बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (Mayawati) भारतीय सेना में भर्ती की नई योजना अग्निपथ (Agnipath Scheme) को लेकर बीजेपी सरकार पर लगातार हमले कर रही हैं। सोमवार को भी उन्होंने इसका विरोध किया। बसपा सुप्रीमो ने 2 ट्वीट कर अग्निपथ योजना को जनता में भ्रम पैदा करने वाली और सेना में मुश्किल पैदा करने वाली बताया है।
बसपा चीफ मायावती ने कहा कि केन्द्र सरकार की नई सैन्य भर्ती स्कीम अग्निपथ देश की सुरक्षा व फौजी के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान से जुड़ी है। इसके बाद भी भाजपा नेतागण जिस प्रकार से अनाप-शनाप व अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं वह घोर अनुचित है। उनकी बयानबाजी से जनता में भ्रम व सेना के लिए मुश्किलें पैदा हो रही हैं। इसी कारण अग्निपथ को लेकर अब संकीर्ण राजनीति तुरन्त बंद हों।
2. देश को अचंभित करने वाली नई ’अग्निपथ’ सैन्य भर्ती योजना, सरकार द्वारा नोटबन्दी व तालाबन्दी आदि की तरह ही, अचानक व काफी आपाधापी में थोपी जा रही है, जिससे प्रभावित होने वाले करोड़ों युवा व उनके परिवार वालों में खासा आक्रोश है। सरकार इनके प्रति भी अहंकारी रवैये से बचे।
— Mayawati (@Mayawati) June 20, 2022
उन्होंने कहा कि देश को अचंभित करने वाली नई अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना तो सरकार नोटबंदी व तालाबंदी आदि की तरह ही, काफी आपाधापी में थोप रही है। अचानक थोपी जाने वाली स्कीम से प्रभावित होने वाले करोड़ों युवा व उनके परिवार वालों में खासा आक्रोश है। बसपा की मांग है कि सरकार इनके प्रति भी अहंकारी रवैये से बचे।
बता दें कि इससे पहले भी रविवार को मायावती ने भाजपा सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि ऐसे समय में जब मुट्ठी भर लोगों को छोड़कर देश की विशाल आबादी में से खासकर युवा वर्ग गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी, तनाव आदि के अग्निपथ पर हर दिन बिना थके-हारे जीवन संघर्ष को मजबूर हैं, उन्हें केन्द्र की अल्पावधि ‘अग्निपथ’ सैन्य भर्ती स्कीम ने काफी निराश व हताश किया है।
उन्होंने कहा था कि केन्द्र का रेलवे, सेना व अर्द्धसैनिक बल आदि में भर्ती की संख्या व संभावना को अति-सीमित करने का ही परिणाम है कि खासकर ग्रामीण परिवेश के हिम्मतवर नौजवान काफी असहाय व ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं तथा भविष्य को अंधकार में पाकर उनका आक्रोश उबाल पर है, जिसे सही से संभालना जरूरी। केन्द्र से पुन: अनुरोध है कि देश के भविष्य इन पीडि़त नौजवानों के दर्द व इनके भविष्य के मुद्दे को गंभीरता से लेकर अपने फैसले पर पुनर्विचार करे तथा देश की सुरक्षा से सम्बंधित ऐसे अहम मामलों में संसद को विश्वास में जरूर लें।
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