बॉलीवुड: अमेज़ॉन प्राइम की दमदार वेब सीरीज मिर्ज़ापुर 2 का यह सीजन कुछ खाश कमाल नहीं कर पा रही है, इससे पहले सीजन में जितना भौकाल दिखाया गया था वो मज़ा इस सीजन में नहीं है. मिर्ज़ापुर 2 के इस सीजन में कालीन भैया का जलवा और गुड्डू पंडित का बदला दोनों ही चीजें दिख रहीं हैं बस. पिछली बार जहाँ खून-खराबा, ताकत के लिए जंग और किसी पर भी भरोसा गलती साबित होना, जैसी चीजें मौजूद वहीँ इस बार ऐसा ज्यादा कुछ देखने को नहीं मिल रहा है. इस तरह मिर्जापुर के पहले सीजन में जो भी मसाला नजर आया था, वह इस सीजन में भी देखने को मिलेगा, और जस का तस. कालीन भैया का यह डायलॉग, ‘राजा और राजकुमार सैक्रिफाइस नहीं करते हैं, प्यादे करते हैं. राजा और राजकुमार तो जिंदा रहते हैं.’ पूरी कहानी को समझाने के लिए काफी है.
इसके रिव्यु में यह तो साफ़ है कि वेब सीरीज ‘मिर्जापुर 2’ की कहानी वहीं से शुरू होती है जहां मिर्जापुर की खत्म हुई थी. मुन्ना भैया अपनी रंगबाजी में हैं तो वहीं उनके पिता की नजर अपने बेटे को बाहुबली बनाने पर है. गुड्डू भैया घायल पड़े हैं और मुश्किल में हैं. इस तरह कहानी पूरे पेस के साथ शुरू होती है. मुन्ना भैया अब मिर्जापुर के बाद जौनपुर पर भी अपना जलवा चाहते हैं और अपने आप को अमर समझने लगे हैं. लेकिन कालीन भैया मुन्ना को ऐसा डोज देते हैं कि होश ही फाख्ता कर देते हैं. लेकिन बीना त्रिपाठी अपने घर के मर्दों से परेशान है और वह मास्टरस्ट्रोक चलने की तैयारी में है. इस तरह ‘मिर्जापुर 2’ में हर वह मसाला परोसा गया है, जिसके लिए यह सीजन लोकप्रिय रहा है. फिर वह चाहे वनलाइनर हों, जमकर अपशब्दों का इस्तेमाल या फिर राजनीति का घनघोर खेल. इस तरह मिर्जापुर का सीजन 2 भी नए पात्रों के आने के बावजूद पुराने पात्रों के कंधों पर ही खड़ा है.
गाली गलौज और डबल मीनिंग जोक्स की भरमार –
पहले सीजन में एडल्ट जोक्स से लेकर गाली गलौज तक को दर्शकों ने काफी एन्जॉय किया था, इसलिए इस बार इसकी मात्रा पहले से बढ़ाई गई है. इस सीजन में कई बार इंटेंस सीन्स के बीच भी आपको डबल मीनिंग जोक्स सुनाई पड़ते हैं. जो सीन की गंभीरता को तो बनाए रखते हैं लेकिन कहीं न कहीं हंसाते भी हैं. साथ ही सभी किरदार बात-बात पर गालियों का इस्तेमाल भी पहले से ज्यादा करते नजर आ रहे हैं.
खून-खराबा और वॉयलंस-
पिछले सीजन में जाहिर तौर पर खून खराबा काफी दिखाया गया था लेकिन इस बार इसका लेवल भी एक नंबर ज्यादा ही रखा गया है. कई दृश्य ऐसे हैं जो लोगों को विचलित कर सकते हैं. गंडासे से किसी का कत्ल करना हो या वीभत्स तरीके से किसी की जान लेना. मेकर्स हर सीन को ज्यादा से ज्यादा रियलस्टिक रखने की कोशिश की है.
न्यूड सीन्स में भी आगे-
मिर्जापुर के पिछले सीजन में भी सेक्स सीन्स को काफी स्पेस दिया गया था लेकिन कहा जा सकता है कि इस बार इस मामले में भी सीजन 2 आगे रहा है. दिव्येंदु शर्मा को न्यूड दिखाने से लेकर अन्य तमाम अंतरंग दृश्यों तक मेकर्स ने बोल्ड सीन्स को सुपरबोल्ड बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.
‘मिर्जापुर 2’ के इस सीजन में 10 एपिसोड हैं. वहीँ कहानी में अली फजल, श्वेता त्रिपाठी, पंकज त्रिपाठी, दिव्येंदु शर्मा, रसिका दुग्गल और हर्षिता गौर समेत पूरी स्टारकास्ट ने अच्छा काम किया है. सभी ने अपने किरदारों को परदे पर अच्छे ढंग से उकेरा है. लेकिन मिर्जापुर की जान गुड्डू, मुन्ना और कालीन ही हैं. मिर्जापुर के फैन्स के लिए यह परफेक्ट ट्रीट है जबकि गालियों से परहेज करने वाले दर्शकों कों इसे गले उतारने में दिक्कत हो सकती है.
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