सेमीकंडक्टर बनाने में आत्मनिर्भर बनेगा भारत, चीन को मिलेगी टक्कर, मोदी कैबिनेट ने 76 हज़ार करोड़ की योजना को दी मंजूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्‍यक्षता में आज यानी 15 दिसंबर 2021 को हुई कैबिनेट की बैठक (Cabinet Meeting today 15 December 2021) में सेमीकंडक्टर्स के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव्स यानी पीएलआई (PLI Scheme for Semiconductor Production) स्कीम्स को मंजूरी दे दी है. ऐसे समय में जब माइक्रोचिप की कमी के कारण इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन प्रभावित हुआ है, सरकार के इस कदम से सेमीकंडक्टर बनाने वाली कंपनियों को फायदा होगा.

इस योजना के बारे में जानकारी देते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि सेमीकंडक्टर के लिए पीएलआई (production-linked incentive scheme) योजना पर 76,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा. केंद्र सरकार इस योजना के ज़रिए देश को इलेक्ट्रॉनिक हब के तौरे पर विकसित करना चाहती है, क्योंकि माक्रोचिप्स की कमी की वजह से उद्योगों के प्रोडक्शन पर सीधा असर पड़ता है.

केंद्र सरकार के मुताबिक इस योजना में 6 साल में 76 हज़ार करोड़ का खर्च आएगा. भारत की सेमीकंडक्टर क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए व्यापक कार्यक्रम को मंजूरी दी गई गई है. केंद्र ने बताया है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग देश बन गया है. सरकार का कहना है कि देश को इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में आगे ले जाने के लिए इसकी बहुत बड़ी भूमिका होगी.

दुनिया में 20% से सेमीकंडक्टर डिज़ाइनर भारत के

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जिस देश ने वैफर बनाना नहीं सीखा वो पीछे रह जाएगा. इसके वैफर, चिप, सेमीकंडक्टर निर्माण, उसकी पैकेजिंग की पूरी चेन विकसित करने का काम होगा. उन्होंने कहा कि आज दुनिया में 20 प्रतिशत सेमीकंडक्टर डिज़ाइनर भारत के हैं. 85 हज़ार उच्च प्रशिक्षण प्राप्त इंजीनियर के लिए C2S यानी चिप से सेमीकंडक्टर का प्लान बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि अगले 2 साल में 20 यूनिट स्थापित करेंगे.

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