राष्ट्रीय स्वयंसेवक सघं (आरएसएस) प्रमुख ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए मोदी सरकार को छह महीने का समय दिया है। प्रयागराज में आयोजित धर्म संसद में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि मंदिर की जमीन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई केंद्र सरकार की अपील पर फैसेल का इंतजार करना चाहिए। संघ प्रमुख की इस बात का वहां मौजूद साधु-संतों ने भी समर्थन किया और इस बात पर सहमति बनी कि मोदी सरकार को एक बार फिर मौका मिलना चाहिए।
राम मंदिर निर्माण के लिए मोदी सरकार की जरूरत
शुक्रवार को विश्व हिंदू परिषद की धर्म संसद के दूसरे दिन अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा संतों के सामने रखा गया। इस दौरान भागवत मंदिर निर्माण की दिशा में केंद्र सरकार की अभी तक की कार्यवाही से थोड़ा निराश जरूर दिखे, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि वह हताश नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मंदिर उसी स्थान और पूर्व प्रस्तावित मॉडल के अनुसार ही बनेगा।
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भागवत ने जोर देकर कहा कि भव्य मंदिर निर्माण के लिए हमें एक बार फिर से केंद्र में मोदी सरकार की आवश्यकता होगी। इस बीच उन्होंने सरकार को चेतावनी देने वाले लहजे में कहा कि यदि 6 महीने के अंदर कुछ नहीं होता है, तो फिर संघ उसे देखेगा। धर्म संसद में मौजूद अन्य संतों ने भी कोर्ट की प्रक्रिया में ज्यादा से ज्यादा छह महीने का समय लगने का अनुमान जताते हुए सरकार को मोहलत की हामी भरी।
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इस दौरान तय किया गया कि फैसले के इंतजार तक पूरे देश में राम नाम का जनजागरण चलाया जाएगा। लोगों में आक्रोश और आवेश जगाते रहने को भी संतों ने आवश्यक माना। साथ ही यह भी कहा गया कि इस बीच लोकसभा चुनाव भी आएंगे, ऐसे में यह सोचना होगा कि मंदिर कौन बना सकता है, उस पर ही भरोसा जताना होगा।
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