मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi 2021) जैसा की इसके नाम से ही पता लग रहा है मोक्ष देने वाली एकादशी. कहते हैं मोक्षदा एकादशी के दिन विधि-विधान के साथ पूजा करने और व्रत आदि करने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और उसे मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. इतना ही नहीं, कहते हैं कि मोक्षदा एकादशी का व्रत (Mokshada Ekadashi Vrat 2021) रखने से पितरों को भी बैकुंठ की प्राप्ति होती है. इस बार मोक्षदा एकादशी 14 दिसंबर के दिन पड़ रही है.
मान्यता है कि इस दिन व्रत करने और भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप (Bhagwan Vishnu Mnatra Jaap) करने से भक्तों की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. हर मंत्र का एक उद्देश्य होता है, उसके जाप से उसकी सिद्धी होती है. कहते हैं कि भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप तुलसी की माला से करने की सलाह दी जाती है. तुलसी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है. मंत्र जाप करते समय तन, मन और शब्दों का सही उच्चारण भी जरूरी होता है. आइए जानते हैं विष्णु जी के मंत्रों के बारे में.
मोक्षदा एकादशी डेट- 14 दिसंबर, मंगलवार
मुहूर्त-
इस वर्ष मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 13 दिसंबर दिन सोमवार को रात 09 बजकर 32 मिनट से हो रहा है. एकादशी तिथि अगले दिन 14 दिसंबर को रात 11 बजकर 35 मिनट तक है. व्रत के लिए उदयातिथि ही मान्य होती है, इसलिए मोक्षदा एकादशी का व्रत 14 दिसंबर दिन मंगलवार को रखा जाएगा.
एकदाशी तिथि प्रारंभ: 13 दिसंबर, रात्रि 9: 32 बजे से
एकदाशी तिथि समाप्त: 14 दिसंबर रात्रि 11:35 बजे पर
व्रत का पारण: 15 दिसंबर सुबह 07:05 बजे से प्रातः 09: 09 बजे तक
एकादशी पूजा- विधि-
- सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं.
- घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें.
- भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें.
- भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें.
- अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें.
- भगवान की आरती करें.
- भगवान को भोग लगाएं. इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है. भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें. ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं.
- इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें.
- इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें.
इन बातों का रखना होगा ध्यान
मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने से एक दिन पहले से ही प्याज, लहसुन, मसूर की दाल, बैंगन, जौ आदि का सेवन नहीं करना चाहिए. इसके अलावा व्रत करने के लिए मन, वचन व कर्म की शुद्धि जरूरी है. ऐसे में पूरा प्रयास करें कि अपनी वाणी या कर्म से किसी भी व्यक्ति को दुख न पहुंच पाए. इस खास दिन पर किसी के बारे में बुरा न सोचें. इस दिन बाल कटाना, दाढ़ी बनाना, नाखून काटना आदि काम नहीं करना चाहिए.
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