दिल्ली में मंकीपॉक्स (Monkeypox) से संक्रमित पाए गए पहले व्यक्ति की हालत स्थिर है. उसे दर्दनाक घाव हुए थे. पश्चिमी दिल्ली (Delhi) के रहने वाले 31 वर्षीय व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने के बाद उसे करीब तीन दिन पहले लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में आइसोलेट कर दिया गया था. लोगों को हैरानी तब हुई जब दिल्ली में मिले मंकीपॉक्स के मरीज ने कोई विदेश यात्राएं नहीं की थी. पूछताछ के बाद युवक ने बताया था कुछ दिनों पहले वो शिमला की एक पार्टी में गया था. लेकिन अब वो उस होटल का नाम नहीं बता रहा है जिसमें वो ठहरा था. सूत्रों के मुताबिक ये युवक पार्टी में ही किसी विदेशी के संपर्क में आया जोकि पहले से ही मंकीपॉक्स से इंफेक्टेड था/थी.
एलएनजेपी अस्पताल (LNJP Hospital) के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि अस्पताल में मंकीपॉक्स के लिए एक स्पेशल वॉर्ड बनाया गया है. जिसमें ऑक्सीजन, दवाएं, अन्य जरूरी मेडिकल उपकरणों की सुविधा दी गई है. कोविड की तरह ही सभी डॉक्टर और नर्सिंग या स्टाफ के लोग पीपीई किट (PPE Kit) पहनकर ही वॉर्ड में प्रवेश कर रहे हैं. शुरुआत में इस आइसोलेशन वॉर्ड में कुल 6 बेड लगाए गए हैं. अभी दिल्ली में मंकीपॉक्स का पहला मरीज सामने आया है.
डॉ. सुरेश कहते हैं कि मौलाना आजाद (Maulana Azad) में भर्ती मंकीपॉक्स का जो मरीज सामने आया है उसकी उम्र 31 साल है. उसे जब यहां भर्ती किया गया तो उसे 101 डिग्री फारेनहाइट बुखार था और शरीर पर लाल लाल दाने उभरे हुए थे. मरीज को बहुत थकान भी हो रही थी. चूंकि इस वायरस का अभी कोई विशेष इलाज या वैक्सीन नहीं है लिहाजा कोरोना की तरह ही लक्षणों का इलाज किया जा रहा है. मरीज को बुखार की दवाएं और एंटीबायोटिक्स दी जा रही हैं. डॉ. ने बताया कि मरीज की पूरी तरह निगरानी की जा रही है. उसके लक्षणों को बारीकी से देखा जा रहा है.
डब्ल्यूएचओ ने की मंकीपॉक्स को लेकर आपात स्थिति की घोषणा
बता दें कि शनिवार को ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस वायरस के इतने तेज प्रसार को एक ‘असाधारण’ हालात करार देते हुए इसे लेकर वैश्विक आपात स्थिति घोषित किया है. डब्ल्यूएचओ की यह घोषणा इस रोग के उपचार के लिए निवेश में तेजी ला सकती है और इसने इस रोग का टीका विकसित करने की जरूरत को रेखांकित किया है.
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