उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में सोमवार को समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav), विधायकों व कार्यकर्ताओं के साथ सपा कार्यालय से विधानभवन की तरफ पैदल मार्च करने निकल पड़े। मार्च के दौरान रूट बदलने पर सपाइयों ने नाराजगी जताई और पहले से तय रूट पर जाने की मांग करने लगे। इस बीच सपा चीफ विरोध को लेकर सड़क पर बैठ गए।
अखिलेश यादव ने कहा कि अगर रोकना था तो कल परमिशन क्यों दिया? वहीं, प्रशासन का कहना है कि जीपीओ के बजाय वीवीआइपी गेस्ट हाउस और एनेक्सी होते हुए विधानसभा जाएं। इस पर अखिलेश यादव व सपा विधायक सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। विधायक व कार्यकर्ताओं ने हाथों में नारे की तख्ती ले रखी है।
लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन कर रही भाजपा सरकार!
समाजवादी पार्टी को जनता के मुद्दे उठाने से रोक रही दमनकारी सरकार। pic.twitter.com/zukgWPJLdp
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) September 19, 2022
सपा ने बढ़ती महंगाई, किसानों की समस्याओं और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर राज्य सरकार के विरोध में इस पदयात्रा का आयोजन किया है। पदयात्रा को लेकर विक्रमादित्य मार्ग को छावनी बना दिया गया है। वीवीआईपी चौराहा से लेकर सपा कार्यालय तक बैरिकेडिंग कर भारी संख्या में फोर्स लगा दी गई है। इस रास्ते पर आम लोगों का आवागमन बंद कर दिया गया है।
बता दें कि यूपी विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। 23 सितंबर तक चलने वाले 18वीं विधानसभा के दूसरे सत्र को शांतिपूर्ण तरीके से चलाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की अध्यक्षता में रविवार को सर्वदलीय बैठक हुई। इसमें महाना ने सभी दलों से सदन को सुचारु रुप से चलाने में मदद का अनुरोध किया, लेकिन विपक्ष ने महंगाई व कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार घेरने का ऐलान किया है।
वहीं, विधानसभा की सोमवार की कार्रवाई शुरू हो गयी है। सदन को चलाने में सभी दलों से सहयोग मांगा गया था, लेकिन प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी ही सदन से नदारद है। अखिलेश यादव और उनके विधायक सदन में मौजूद रहने की जगह सड़क पर पैदल मार्च करते नजर आ रहे हैं।
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