मध्य प्रदेश के इंदौर में गरबा के दौरान मुस्लिम युवकों के पांडाल में घुसने पर पिटाई किए जाने की घटना को लेकर मुरादाबाद (Moradabad) के समाजवादी पार्टी सांसद डॉ. एसटी हसन (SP MP ST Hasan) ने विवादित बयान दिया है।
सपा सांसद डॉ. एसटी हसन का कहना है कि गरबा धार्मिक आयोजन है। इसमें बिना इजाजत के मुस्लिम युवकों को नहीं जाना चाहिए। यदि वह चले भी गए तो उन्हें निकाल देना चाहिए था। मारपीट करने का अधिकार किसी को नहीं है। तीनों युवकों को पुलिस को सौंप दिया जाना था।
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उन्होंने कहा कि गरबा में परिवार की महिलाएं जश्न मनाती हैं। नाचती और गाती हैं। कार्यक्रम में कोई कलाकार नहीं होता। कलाकार होता तो किसी को बुलाने में मुझे कोई आपत्ति नहीं थी। मुझे यह गलत लगा कि गरबा में 60 विदेशी राजदूतों को क्यों बुलाया गया। उनके सामने बहू-बेटियों की नुमाइश करना ठीक नहीं है। मुस्लिमों पर गरबा में जाने पर पाबंदी थी तो विदेशी राजदूत भी तो दूसरे धर्मों को मानने वाले ही थे।
सपा सांसद ने कहा कि गरबा भारतीय संस्कृति को दर्शाने वाला जश्न है। परिवारों के लोग इसमें भाग लेते हैं। विदेशी राजदूतों के सामने उनका नाचना गाना ठीक बात नहीं है। मुस्लिम युवकों को गरबा में जाने की पाबंदी थी तो विदेशी राजदूतों को भी नहीं बुलाया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि गरबा में जश्न मनाने वाली महिलाएं हमारी भी तो बहू-बेटियां ही हैं। इसलिए मुझे बुरा लगा। लेकिन, कुछ लोग मेरे बयान को तोड़ मरोड़कर पेश कर रहे हैं।
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