उत्तर प्रदेश के बांदा जेल (Banda Jail) में बंद बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की फर्जी पते पर जारी आर्म्स लाइसेंस में विधायक के लेटरपैड पर पैरवी करने के मामले में शुक्रवार को जेल से ही मऊ कोर्ट में वर्चुअल पेशी हुई। इस दौरान अंसारी परिजन और वकीलों से बात करवाने के साथ ही अपने बैरक में टीवी (Television) नहीं होने की बात कही।
मुख्तार के वकील दारोगा सिंह ने बताया कि अब उनके मुवक्किल मुख्तार की उसके परिजनों से बात कराई जा रही है और वकीलों से भी बात हो रही है। मुख्तार ने अपने बड़े भाई अफजाल अंसारी का नंबर दर्ज करवाया है, जो वर्तमान में सांसद हैं। कोर्ट के आदेश के बाद अब परिजनों से बातचीत होने लगी है। मुख्तार अंसारी को मच्छरदानी और कूलर भी उपलब्ध करवा दिया गया है।
दरअसल, शुक्रवार को हुई पेशी के दौरान मुख्तार ने कोर्ट को बताया था कि मच्छरदानी और कूलर तो उपलब्ध करवा दिया गया है, लेकिन हार्ड-बेड और फिजियोथेरेपिस्ट सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी उसको नहीं दिया जा रहा है। अंसारी ने यह भी कहा था कि उसकी परिजन से बात नहीं कराई जा रही है और ना ही उसको अपने वकीलों से बात करने दी जा रही है। अंसारी ने यह भी कहा कि बांदा जेल में उसके बैरक में टीवी नहीं है जबकि अन्य सभी बैरक में टीवी लगी है।
बता दें कि मऊ विधायक मुख्तार अंसारी ने अपने लेटर पैड पर अपने खास लोगों को असलहों का लाइसेंस देने की पैरवी की थी। जांच में यह बात सामने आई कि आर्म्स लाइसेंस पाने के लिए दर्ज कराए गए पते फर्जी हैं। इसी को आधार बनाकर मुख्तार अंसारी के साथ ही उसके करीबियों पर मुकदमा कायम किया गया था। अब इस मामले की अगली सुनवाई 26 मई को होनी है।
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