2008 में लश्कर-ए-तैयबा द्वारा किए गए 2008 मुंबई अटैक को चीन ने आज 11 साल बाद दुनिया का सबसे बड़ा आतंकी हमला करार दिया है. लश्कर-ए-तैयबा ने मुंबई में ताज होटल समेत कई जगहों पर हमला किया था, जिसमें 166 लोग मारे गए थे. अशांत शियानजियांग प्रांत में उग्रवादियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई के बारे में निकाले श्वेत पत्र में चीन ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक स्तर पर आतंकवाद एवं उग्रवाद के फैलाव से मानवता को पीड़ा पहुंची है. इस श्वेत पत्र में मुंबई के आतंकवादी हमले को अति कुख्यात आतंकवादी हमलों में से एक बताया गया है.
आतंकवाद एवं उग्रवाद के विरूद्ध लड़ाई तथा शियानजियांग में मानवाधिकारों का संरक्षण शीर्षक यह पत्र ऐसे समय में निकाला गया जबकि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी चीन की यात्रा पर आए हुए हैं. चीन के विदेश परिषद सूचना कार्यालय द्वारा जारी किए गए इस पत्र में कहा गया कि विश्व भर में आतंकवाद एवं उग्रवाद ने शांति एवं विकास को गहरा खतरा उत्पन्न किया है तथा लोगों के जीवन एवं संपत्ति को हानि पहुंचाई है.
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166 लोगों की गई थी जान
यह श्वेत पत्र ऐसे समय में आया है जबकि इससे पहले बुधवार को चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी करार देने के प्रस्ताव पर तकनीकी रोक लगा दी. चीन के इस कदम को भारत ने निराशाजनक बताया है. जैश-ए-मोहम्मद ने 14 फरवरी को पुलवामा हमले की जिम्मेदारी ली थी जिसमें सीआरपीएफ के 40 कर्मी शहीद हो गए थे. इस हमले के बात भारत एवं पाकिस्तान के बीच तनाव में काफी बढ़ गया था. मुंबई में 26 नवंबर 2008 में लश्कर-ए-तैयबा के 10 हथियारबंद आतंकवादियों ने हमला किया था. इसमें अमेरिकी नागरिकों सहित 166 लोगों की जान गई थी और 300 से अधिक लोग घायल हो गए थे.
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