मुंबई आतंकी हमले के प्रमुख साजिशकर्ता और लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य तहव्वुर राणा (Tahavvur Raana) को बुधवार को भारत लाए जाने की संभावना है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियां उसकी सुरक्षा के लिए दिल्ली और मुंबई की जेलों को तैयार कर रही हैं। उसे भारत में लाने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा पूछताछ की जाएगी। जिससे कई बड़े खुलासे होने की भी संभावना है।
कनाडा की नागरिकता और पाकिस्तान से कनेक्शन
पाकिस्तानी मूल के तहव्वुर राणा के पास कनाडा की नागरिकता है और उसने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ मिलकर मुंबई हमले की साजिश रची थी। राणा ने अमेरिका के आतंकवादी डेविड हेडली की मदद से भारतीय क्षेत्र में आतंकी हमले की योजना बनाई।
हमें मिलेगा राणा की गिरफ्तारी का फायदा
भारत सरकार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के भारत दौरे के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा करने के बाद, राणा के प्रत्यर्पण को लेकर कई वर्षों से प्रयासरत थी। पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के नेतृत्व में अब राणा को भारत लाने की प्रक्रिया तेज हो गई है।
मुंबई हमले में राणा की भूमिका
26/11 मुंबई आतंकी हमले (26/11 Mumbai Terrorist Attacks) में राणा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वह पहले ही मुंबई की यात्रा कर चुका था और हमले से पहले यहां ठहरा था। इस हमले में 166 लोग मारे गए थे, जिनमें 18 सुरक्षाकर्मी शामिल थे। सुरक्षाबलों ने हमले के बाद एकमात्र जीवित आतंकवादी अजमल कसाब को गिरफ्तार किया था।
अमेरिका में हिरासत में राणा
अभी राणा अमेरिका के लॉस एंजिलिस स्थित मेट्रोपोलिटन डिटेंशन सेंटर में बंद है, जहां उसकी सजा जारी है। 2011 में उसे 13 साल की सजा सुनाई गई थी, और अब उसकी स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
मुंबई हमले के बाद के प्रयास
भारत सरकार ने 2019 से राणा के प्रत्यर्पण के लिए लगातार प्रयास किए हैं। अब, उसकी भारत वापसी से मुंबई हमले के दोषियों को सजा दिलाने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण मोड़ आ सकता है।तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण भारत के लिए एक बड़ी जीत हो सकता है और इससे आतंकवादियों के खिलाफ चल रही लड़ाई में मजबूत कदम साबित होगा।