प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते सोमवार को श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) देश को समर्पित किया। विश्वनाथ धाम की दिव्यता और भव्यता देख हर कोई मोहित हो गया। अब श्रद्धालु गंगा घाट से सीधे आकर बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक कर सकेंगे, लेकिन समुदाय विशेष के कुछ लोग इससे असहज हैं क्योंकि उन्हें लग रहा है कि इस कॉरिडोर से ज्ञानवापी मस्जिद ढक गई है। यूट्यूब चैनल यूपी तक ने ज्ञानवापी मस्जिद में नमाज अदा करने आए कुछ लोगों से बात की। इस दौरान कुछ ने मस्जिद के ढक जाने की बात कही तो किसी ने विकास सीमित होने की बात कही। वहीं, नौशाद आलम (Naushad Alam) नामक युवक तो रोने लग गया।
दरअसल, यूपी तक यूट्यूब चैनल से बातचीत के दौरान मोहम्मद शागीर नामक शख्स ने वाराणसी के बदलने की बात पर कहा कि ये सब कुछ बस वोट के लिए है। विकास कुछ भी नहीं हुआ है। वहीं, शौकत अली ने भी विकास के सीमित होने पर अपनी सहमति जताई। उनका कहना है कि ये सब बस मंदिर-मस्जिद तक ही है। बिलाल अहमद ने कहा कि ऐसा नहीं है कि पूरी वाराणसी बदल गई है। मंदिर-मस्जिद की एकता को दिखाने के लिए विकास का रूप दिया गया है। हमीद अंसारी ने कहा कि सिर्फ मंदिर का विकास हुआ है।
इस बीच कोलकाता से आए नौशाद आलम नामक शख्स ने कहा कि हम कोलकाता से यहां नमाज पढ़ने के लिए आए थे। हमको तो ये हालात देखकर समझ नहीं आ रहा है कि मस्जिद को पूरी तरह से ढक दिया गया और मंदिर को इस तरह से विशाल बनाया गाया है। ये क्या है? मैं टूरिस्ट हूं। मैं यह दर्द महसूस कर सकता हूं। गुस्साए नौशाद ने कहा कि आपको दिखाई नहीं दे रहा है क्या। क्या आपको मस्जिद दिख रहा है? मैं इसे बर्दाश्त नहीं कर सकता। आप लोग सच्चाई को कैसे छिपा सकते हैं?
नौशाद मियाँ तुम्हारा दर्द समझ सकते हैं मित्र…औरंगजेब जे जो किया वो तो हम हिंदुओं के साथ ठेंस नही था पर @narendramodi जी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण करवाया तो गाँव मे बांस हो गया,अभी मथुरा बाकी है थोड़ा दम भरो।😬🙈#काशी_विश्वनाथ_धाम pic.twitter.com/SoO0Z13p7W
— अभिषेक कुमार सिंह 🇮🇳 (@Abhishek834028) December 16, 2021
नौशाद ने कहा कि एक चीज को ढक दिया गया और दूसरे को भव्य बनाया गया। यह हिंदुस्तान है, यहां लोकतंत्र है। संविधान में कहा गया है कि सबको बराबर का हक है। आप किसी के हक को दबा दीजिएगा, ऐसा होता है क्या? पहली बार मैंने इस मस्जिद में नमाज अदा किया और जो दुख हुआ है, वह मैंने 40 साल के जीवन में कभी महसूस नहीं किया था। इतना कहने के बाद नौशाद आलम रोने लगा।
ऐसे में एंकर ने नौशाद आलम का ढाढस बंधाया और फिर सवाल पूछा कि आपको क्या लगता है कि एकतरफा विकास हुआ है? इस पर नौशाद ने कहा कि विकास की बात छोड़िए, किसी के अधिकार को दबा दिया गया है। यह कहकर वह फिर रोने लगा और बात करने से मना कर दिया।
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